scriptबिन गोठ मंडलियों के रूखे सूखे सावण से बीकानेरियों में मायूसी | Disappointed in Bikaner due to dry dry spring | Patrika News

बिन गोठ मंडलियों के रूखे सूखे सावण से बीकानेरियों में मायूसी

locationबीकानेरPublished: Jul 12, 2020 01:06:40 am

Submitted by:

dinesh kumar swami

bikaner news: सावन में शिवालयों में हर हर महादेव की गूंज नहीं, मंदिर-बगीचियों से लेकर गली-मोहल्लों में पसरा सन्नाटा

बिन गोठ मंडलियों के रूखे सूखे सावण से बीकानेरियों में मायूसी

बिन गोठ मंडलियों के रूखे सूखे सावण से बीकानेरियों में मायूसी

बीकानेर.

‘सियाळो सीकर भलो, ऊनाळो अजमेर, जोधाणो नित रो भलो अर सावण बीकानेर।Ó यह लोकगीत का मुखड़ा
अलहदा जीवन जीने वाले बीकानेर शहर के लोगों पर खूब चरितार्थ होता है जहां सावन का समय खुशी और उमंगों से भरा होता है। आकाश में जब काली घटाए उमड़-घुमड़ कर बरसने को होती हैं, शिवालयों में रुद्राभिषेक के दौर चलते हैं लेकिन इस बार ना तो मंदिरों में हर-हर महादेव की गूंज है और ना ही अब तक तालाबों में पानी आया है। गोठों और गंठों के रसिये भी कोरोना के कारण घरों में कैद है। मंदिरों, बगीचियों से लेकर गली-मोहल्लों और पाटों तक सन्नाटा पसरा हुआ है।
कोरोना मरीजों के लगातार बढ़ते आंकड़ों और लॉकडाउन के कारण इस बार सावन रूखा-रूखा है। मंदिरों के बाहर न तो मेले सा माहौल है और ना ही घंटियों की टंकार सुनाई देती है। देर रात तक चलने वाले भजन-कीर्तन और गोठों की मण्डलियों की हंसी-ठिठोली भी नहीं है। मंदिरों में केवल पुजारी ही कोरोना को लेकर जारी एडवाइजरी की पालना करते हुए पूजन-आरती कर रहे हैं।
न बारिश, न गंठे
सावन में बारिश के पानी से तालाब भर जाते हैं। तालाबों के आस-पास, मंदिरों और बगीचियों में गोठ होने से रौनक रहती है। कोरोना के कारण इस बार एेसा नहीं है। बारिश भी इतनी नहीं हुई कि तालाब भर जाएं। सावन के बावजूद इस बार गोठ और गंठों के नजारे नहीं हैं। गली मोहल्लों में सन्नाटा पसरा है। इससे लोग मायूस हैं।

पहली बार हुआ एेसा

90 वर्षीय कन्हैयालाल ओझा ने बताया कि संभवतया यह पहला अवसर है, जब सावन में शिवालयों में न रुद्राभिषेक के दौर चल रहे हैं, ना ही मंदिरों में हर-हर महादेव के जयकारे गूंज रहे हैं। घरों में ही अभिषेक-पूजन किया जा रहा है। ओझा के अनुसार कोरोना से बचाव पहली प्राथमिकता है। सभी लोग सरकार और प्रशासन के निर्देशों की पालना करें। घरों में रहें, सुरक्षित रहें।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो