अस्पताल अधीक्षक ने शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की ओर से जारी परिपत्र की पालना में जिन चिकित्सकों का वेतन मूलपदस्थापन से आहरित न होकर अन्य पद अथवा अन्य चिकित्सा संस्थानों, कार्यालयों से आहरित हो रहा है, एवं एेसे चिकित्सक जो पूर्व में अधिशेष थे, किन्तु उनका वेतन उसी चिकित्सा संस्थान में उपलब्ध रिक्त पद से किया जा रहा था, एेसे चिकित्सकों को सीएमएचओ कार्यालय के लिए कार्यमुक्त किया।
नहीं होंगे ऑपरेशन
जिला अस्पताल में एनेस्थिसिया का एक ही चिकित्सक है। इसे भी मंगलवार को कार्यमुक्त कर दिया गया। बिना एनस्थीसिया चिकित्सक के ऑपरेशन थियेटर की सेवाएं प्रभावित होंगी। सिजेरियन डिलिवरी के केस भी पीबीएम अस्पताल में रैफर करने होंगे। वहीं अन्य ऑपरेशन भी नहीं हो सकेंगे।
आपातकालीन से वार्डों तक सेवाएं होगी बाधित
चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियों की कमी का असर जिला अस्पताल की सेवाओं पर पडऩा तय है। चिकित्सकों को कार्यमुक्त करने का असर 24 घंटे चल रही आपातकालीन सेवाओं, आउटडोर, ओटी, वार्डों आदि पर पड़ेगा।
जनरल वार्ड में रहेंगे मरीज
चिकित्सकों और नर्सिंगकर्मियों के कार्यमुक्त होने के साथ ही जिला अस्पताल अस्पताल प्रशासन ने सभी वार्डों को एक ही वार्ड में मर्ज कर सुचारु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं रखने की योजना तैयार की है। इसमें एक जनरल वार्ड बनाकर मेडिसिन, शिशु, जिरियाट्रिक, सीसीयू आदि सभी वार्डों को एक ही वार्ड में मर्ज किया जा रहा है।
इनको किया कार्यमुक्त
अधीक्षक की ओर से जारी आदेश के अनुसार डॉ.रेखा मोहता, डॉ.संजीव सहगल, डॉ.दिनेश शर्मा, डॉ.पंकज मीणा, डॉ.मीनाक्षी पुरोहित, डॉ.वी के गांधी, डॉ.हिमांशु दाधीच, डॉ.पुष्पेन्द्र सिंह, डॉ.अमृता भार्गव, डॉ.लोकेश सोनी, डॉ.रोहिताश्व कुमार कुमावत और डॉ.चन्द्रप्रभा शर्मा को कार्यमुक्त करने के आदेश जारी किए गए हैं। वहीं नर्सिंग कर्मचारी सुमन आचार्य, पप्पूराम, रामनिवास, दीपमाला मिश्रा, अलका गहलोत, आफताब, सुरेन्द्र कुमार प्रजापत, दिनेश कुमार हटीला को कार्यमुक्त करने के आदेश जारी किए गए हैं। ये सभी नर्स श्रेणी द्वितीय से हैं।
सुचारु व्यवस्थाओं के प्रयास
आदेशों की पालना में मंगलवार को 13 चिकित्सकों व 8 नर्सिंगकर्मियों को सीएमएचओ कार्यालय के लिए कार्यमुक्त किया है। इससे चिकित्सकों व नर्सिंगकर्मियों की कमी जरूर हुई है। फिर भी कार्यरत चिकित्सकों व नर्सिंगकर्मियों से सुचारु व्यवस्थाएं रखने के प्रयास किए गए हैं। सभी वार्डो को एक वार्ड में मर्ज किया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य से चिकित्सकों एवं नर्सिंगकर्मियों की व्यवस्था के लिए पत्र लिखा गया है।
डॉ.प्रवीण चतुर्वेदी, अधीक्षक जिला अस्पताल बीकानेर