यह एेतिहासिक सच है, हर कोई यही बताता है,
तम की घोर अंधेरी में, इक दीपक राह दिखाता है,
अंधकार की परत दूर हो, शुभ्र रोशनी छाएगी,
उस दिन अपनी भारत माता, गीत प्यार के गाएगी,
हो अंधियारे पर विनय और प्रकाश पुंज आलोकित कर दे,
कमी कही ना रहे जगत में, सबके घर खुशियों से भर दें।
तम की घोर अंधेरी में, इक दीपक राह दिखाता है,
अंधकार की परत दूर हो, शुभ्र रोशनी छाएगी,
उस दिन अपनी भारत माता, गीत प्यार के गाएगी,
हो अंधियारे पर विनय और प्रकाश पुंज आलोकित कर दे,
कमी कही ना रहे जगत में, सबके घर खुशियों से भर दें।
दीवाली दीपों का उत्सव, घर-घर को आलोकित कर दे,
कमी कहीं ना रहे जगत में, सबके घर खुशियों से भर दें। ओमप्रकाश सारस्वत
सेवानिवृत, संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा, बीकानेर
कमी कहीं ना रहे जगत में, सबके घर खुशियों से भर दें। ओमप्रकाश सारस्वत
सेवानिवृत, संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा, बीकानेर