scriptमेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर-प्रोफेसर अब नहीं मार पाएंगे बंग, दिल्ली से देखेगी तीसरी आंख | Doctor-Professors Of Medical Colleges Will Not Be Able For Forlow | Patrika News

मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर-प्रोफेसर अब नहीं मार पाएंगे बंग, दिल्ली से देखेगी तीसरी आंख

locationबीकानेरPublished: Oct 03, 2022 02:22:39 am

Submitted by:

Brijesh Singh

यह फैसला इसलिए लिया जा रहा है कि कई कॉलेजों में चिकित्सक उपलब्ध ही नहीं होते हैं। कक्षाओं में भी नियमित रूप से भी नहीं जा रहे हैं। चिकित्सक आते हैं और राउंड का कह कर चले जाते हैं।

मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर-प्रोफेसर अब नहीं मार पाएंगे बंग, दिल्ली से देखेगी तीसरी आंख

मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर-प्रोफेसर अब नहीं मार पाएंगे बंग, दिल्ली से देखेगी तीसरी आंख

 

बीकानेर. कौन सा चिकित्सक कब आया है और वह निर्धारित समय में क्या-क्या कर रहा है। किस चिकित्सक ने कितने बजे आउटडाेर में प्रवेश किया, कितने मरीजों को देखा है। कुल मिला कर चिकित्सक की हर गतिविधि पर तीसरी आंख से नजर रहेगी। यह नजर दिल्ली में अपने चैंबर में बैठे अधिकारियों की होगी। इस संबंध में गत दिनों देश के सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों की वीसी में निर्देश दिए गए। यह वीसी राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के अधिकारियों ने ली थी। यह फैसला इसलिए लिया जा रहा है कि कई कॉलेजों में चिकित्सक उपलब्ध ही नहीं होते हैं। कक्षाओं में भी नियमित रूप से भी नहीं जा रहे हैं। चिकित्सक आते हैं और राउंड का कह कर चले जाते हैं। मरीज दिखाने के लिए भटकते रहते हैं।

कई कॉलेजों से आ रही थी शिकायत

देश के कई मेडिकल कॉलेजों से यह शिकायतें आ रही थीं कि चिकित्सक नियमित रूप से नहीं आते हैं। अगर आते भी हैं, तो उपस्थिति लगाकर इधर-उधर हो जाते हैं। विद्यार्थी कक्षा में बैठे पढ़ने का इंतजार करते रहते हैं। साथ ही मरीज भी लाइन में खड़े चिकित्सक का इंतजार करते हैं। इन हालात को देख कर राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग से यह फैसला लिया है कि सभी कॉलेजों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और बायो मैट्रिक मशीनें भी स्थापित की जाएं।

ताकि निरीक्षण की नौबत ही न आए

आमतौर पर राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) साल में एक-दो बार मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण करता है। निरीक्षण के दौरान तो कॉलेज प्रशासन जोड़-ताेड़ करते हुए स्टाफ जुटा लेता है। निरीक्षण के वक्त एमसीआइ को पूरा स्टाफ कागजों में दिखा दिया जाता है। लेकिन बाद में हालात असलियत में जमीन पर दिखाई देते हैं। अब सभी स्टाफ की नजर सीसीटीवी कैमरों में कैद होने तथा बायोमैट्रिक मशीनों में अंगूठा लगाने से तस्वीर साफ हो जाएगी। यह सब होने के बाद निरीक्षण की नौबत भी नहीं आएगी।

इन स्थानों पर लगेंगे 25 सीसीटीवी कैमरे

कॉलेज तथा पीबीएम अस्पताल में 25 कैमरे लगाए जाएंगे। पीबीएम अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के मुख्य द्वार पर एक, रोगी पंजीकरण काउंटर दो, आेपीडी पर 5, निश्चेतन विभाग और ऑपरेशन थियटेर में दो, उपस्थिति एरिया में दो, लेक्चर थियेटर में 5, शरीर सरंचना विभाग में एक, कैमेस्ट्री और फिजीयोलॉजी लैब में दो, माइक्रो बायलॉजी लैब में 2, फार्माकोलॉजी लैब में एक, मरीज प्रतीक्षालय में एक तथा आपातकालीन कक्ष में एक सीसीटीवी कैमरा लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

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