पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से डूडी की नजदीकी रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में डूडी सीएम पद की रेस में शामिल रहे थे लेकिन विधानसभा चुनाव हारने पर हासिए पर चले गए। पत्रिका ने सोनिया गांधी से मुलाकात को लेकर डूडी से बात की तो उन्होंने इस विषय पर फिलहाल कुछ भी बोलने से मना कर दिया। डूडी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस में जो चल रहा है वह सबके सामने है। अभी दस जनपथ में मुलाकात को लेकर वह कुछ नहीं बताना चाहते।
कुछ दिनों से दिल्ली में डेरा जानकारों के अनुसार इस सियासी संकट के बीच बीकानेर के नेताओं का कद बढ़ सकता है। बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके रामेश्वर डूडी नोखा से विधायक रहे हैं। करीबी सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में शामिल होने के बाद से डूडी सक्रिय हैं। वे दिल्ली में डेरा डाले थे और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बीकानेर दौरे के दौरान विशेष विमान में उनके साथ दिल्ली से आए थे और वापस दिल्ली चले गए थे।
सोशल इंजीनियरिंग साधने का प्रयास राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक अब कांग्रेस आलाकमान की ओर से प्रदेश में संगठनात्मक बदलाव करना तय माना जा रहा है। ऐसे में जातीय समीकरण साधने की िस्थति में डूडी को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। इस मुलाकात को इसी सोशल इंजीनियरिंग को साधने की दृष्टि से देखा जा रहा है।
तीनों विधायक मंत्री वाला जिला, बीकानेर का बढ़ सकता है कद प्रदेश सरकार में बीकानेर एक मात्र जिला है जहां के शतप्रतिशत कांग्रेस विधायक सरकार में मंत्री है। बीकानेर पश्चिम के विधायक डॉ. बीडी कल्ला को शिक्षा मंत्रालय जैसी बड़ी जिम्मेदारी मिली हुई है। कोलायत विधायक भंवरसिंह भाटी ऊर्जा मंत्री की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। खाजूवाला विधायक गोविन्द राम मेघवाल भी सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री है। हालांकि तीनों मंत्री गहलोत खेमे के माने जाते हैं। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और रघु शर्मा के साथ डॉ. कल्ला का नाम भी गहलोत के बाद सीएम की दौड़ में रहा है। ऐसे में कांग्रेस सरकार और संगठन में अब जो भी फेरबदल होगा, बीकानेर का कद बढ़ना तय माना जा रहा है।