गौरतलब है कि महाजन उपतहसील कार्यालय में जमीनों की खरीद-फरोख्त में भारी गड़बडिय़ां हो रही है। कृषि भूमि खसरों में होने के कारण दबंग काश्तकार पटवारियों व अधिकारियों से साठगांठ कर अनुसूचित जाति व गरीब किसानों की राजमार्ग पर स्थित बेशकीमती जमीनों को सड़क से दूर करवाकर अपनी जमीनों को सड़क पर जमा रहे है।
इन्हें बनाया है आरोपी
एडवोकेट सोलंकी ने लूणकरनसर के तत्कालीन उपखण्ड अधिकारी भागीरथ साख, तहसीलदार द्वारका प्रसाद शर्मा, महाजन नायब तहसीलदार महावीर प्रसाद मीणा, बालादेसर हल्का पटवारी अशोक कुमार सहित महाजन पटवारी व प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से अपराध में शामिल अन्य के खिलाफ जयपुर में स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक को परिवाद भेजा था। परिवाद के अनुसार आरोपियों ने भूमाफिया के साथ मिलीभगत कर राजमार्ग से दूर सस्ती खरीदी जमीनों को राजमार्ग पर देकर बेशकीमती बनाया है।
सोलंकी ने लिखा है कि राजमार्ग पर अनुसूचित जाति की महिला गंगारानी पत्नी रामनिवास के नाम से कृषि भूमि थी जिसे षडय़ंत्रपूवर्क राजमार्ग से दूर स्थानांतरित कर सड़क किनारे एक दबंग काश्तकार की जमीन को मोटी राशि लेकर स्थापित कर दिया है।
ऐसा ही मामला रामबाग माइनर से जुड़े खेतों में भी सामने आया है। किसानों ने बताया कि हाल ही लागू किए गए चक प्लान में हल्का पटवारी व अन्य अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरतने से चक 3 आरबीएम के किसानों की भूमि की लोकेशन ही बदल गई है। कई किसानों के खेतों में बनी डिग्गियां, कुण्ड, मकान आदि दूसरे किसानों के खेतों में चले गए है। जिससे किसान भारी परेशानी में है।