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गांवों में गहराता पेयजल संकट, किल्लत बढऩे से लोगों में रोष

locationबीकानेरPublished: Apr 17, 2018 11:23:45 am

गांवों में उपजे पेयजल संकट को लेकर जलदाय विभाग भी चिन्तित है।

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नहरबंदी के बाद गांवों में पेयजल संकट गहराता जा रहा है। ग्रामीणों व मवेशियों के लिए पानी की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है। जलदाय विभाग फिलहाल दो से तीन दिनों के अन्तराल से पानी दे रहा है, लेकिन गर्मी तेज होने के साथ ही किल्लत और बढ़ सकती है। गांवों में उपजे पेयजल संकट को लेकर जलदाय विभाग भी चिन्तित है।
आने वाले दिनों में पेयजल संकट बढऩे की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था करने की योजना बनाई जा सकती है। उधर, ग्रामीणों में पेयजल व्यवस्था को लेकर रोष बढ़ता जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति के लिए 75 नहरी योजनाएं है।
इनसे लगभग 226 गांवों की प्यास बुझती है। सभी नहरी योजनाएं बंद हैं। इसमें 28 योजनाओं पर 96 गांव, 32 योजनाओं पर 98 गांव, 15 योजनाओं पर 32 गांव निर्भर हैं। इस स्थिति में गांवों में पानी का संकट खड़ा हो गया है।
नलकूपों का सहारा
बीकानेर शहर की प्यास बुझाने के लिए शोभासर व बीछवाल स्थित जलाशय के साथ करीब 30 नलकूपों से भी पानी मिल रहा है। ये सभी नलकूप गंगाशहर, भीनासर, व्यास कॉलोनी सहित कई क्षेत्रों में हैं। शहरी क्षेत्र के प्राचीन कुएं बंद हो चुके हैं।
महिला कांग्रेस ने जताया रोष
नहरबंदी के बाद शहर में चल रही पानी कटौती को लेकर सोमवार को महिला कांग्रेस की सदस्यों ने रोष जताया। शहर महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष सुनीता गौड़ के नेतृत्व में रानी बाजार पंचमुखा क्षेत्र की महिलाओं जलदाय विभाग के खिलाफ नारेबाजी की।
बाद में अधीक्षण अभियंता दीपक बंसल से वार्ता कर समस्या से अवगत कराया गोगा गेट क्षेत्र में लंबे समय से पानी की टंकी का हौद क्षतिग्रस्त पड़ा रानी बाजार, बांद्रा बास, बागीनाड़ा, छींपों का मौहल्ला, आंबेडकर सर्किल, शर्मा कॉलोनी आदि क्षेत्रों में पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा।
वैकल्पिक व्यवस्था

फिलहाल गांवों में आपूर्ति पानी की उपलब्धता के आधार पर की जा रही है। पानी दो-तीन दिन के अन्तराल से दिया जा रहा है, आने वाले समय के लिए वैकल्पिक व्यवस्था से आपूर्ति करने की योजना बना रहे हैं। फिलहाल वर्तमान व्यवस्था ही सुचारू रहेगी।
दीपक बंसल, अधीक्षण अभियंता

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