डूंगर कॉलेज के विद्यार्थी ललित किशोर, रुखसार बानो, फरहीन रहमान व प्रिया धुनावत ने सर्वे किया। शोधार्थी रामस्वरूप व सुमित के अनुसार दो प्रकार के फॉर्युलेशन माईलेसर तकनीक के आधार पर बनाए गए। डॉ. नरेंद्र भोजक ने बताया कि प्रथम फॉम्र्युलेशन में नीम, ग्वार पाठा के माईलेसर अर्क को डबल डिस्टल्ड पानी में ग्लिसरीन व साइट्रिक अम्ल के साथ मिलाया गया। दूसरे फॉम्र्युलेशन में उपयुक्त के अलावा क्रोटोन अर्क के साथ माईलेसर नैनो तकनीक का उपयोग किया गया है जिसमें 2 से 5 प्रतिशत एल्कोहल का उपयोग किया गया।