दादी व दो पोतों की मौत बीकानेर संभाग में मंगलवार रात आए तेज अंधड़ ने चार जिंदगियां छीन ली। हनुमानगढ़ में एक कच्चे मकान की छत गिरने से दादी व दो पोतों की मौत हो गई, जबकि श्रीगंगानगर में पेड़ गिरने से बाइक सवार युवक की जान चली गई। हनुमानगढ़ में घायल महिला को यहां पीबीएम के ट्रोमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार हनुमानगढ़ की पारीक कॉलोनी में बलराम सिंह का कच्चा मकान है। इसमें एक कमरा व एक रसोई है।
बढ़ई बलराम मंगलवार रात काम के सिलसिले में पीलीबंगा ठहर गया। घर में उसकी पत्नी तन्नू (30), दो पुत्र प्रदीप (5) व पुनित (3) तथा मां जानीदेवी (70) थे। रात को अंधड़ के कारण मकान की छत गिर गई। पड़ोसियों को घटना का पता सुबह साढ़े छह बजे चला। लोगों ने निजी एम्बुलेंस से सभी को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने प्रदीप, पुनित व जानीदेवी को मृत घोषित कर दिया। तन्नू को बीकानेर रेफर कर दिया गया।
दिन-रात धूल का गुबार, उमस ने भी किया बेहाल बीकानेर. शहर में एक पखवाड़े से पड़ रही भीषण गर्मी के बीच मंगलवार देर रात आई आंधी ने ‘कोढ़ में खाजÓ का काम किया। शहरवासी दिनभर उमसभरी गर्मी व धूल से त्रस्त रहे। धूल के गुबार की वजह से दृश्यता कम रही। वहीं उड़कर आई धूल ने गृहिणियों का काम दोगुना कर दिया। ३२ किमी की रफ्तार से आई आंधी से सड़क से लेकर घर-आंगन तक में रेत की मोटी परत जम गई और घरों में सफाई पर कई किलो तक रेत निकली। दुकानों और दफ्तरों में भी यही हाल रहा।
हालांकि दिन के तापमान में दो डिग्री की गिरावाट हुई, लेकिन उमस ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए। शहर में बुधवार को दिनभर गर्द छाई रही। चारों तरफ छाई धूल से ज्यादा दूर तक साफ दिखाई नहीं दे रहा था। इससे वाहनचालकों को दिन में ही लाइटें जलाकर चलना पड़ा। तेज हवा से हालांकि शहर में कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन शहरवासियों की परेशानी बढ़ा दी। सुबह से ही लोग घर में आई मिट्टी को साफ करते रहे। गर्मी भी सुबह से ही तेज रही।