आइजीएनपी के एक्सईएन दिनेश सिंह सोलंकी के नेतृत्व में हुई कार्रवाई में एेसे क्वार्टरों को भी खाली करवाया गया, जो सही स्थिति में हैं और उनमें नहर विभाग का कर्मचारी नहीं रहा है। सुबह से शाम तक चली कार्रवाई के दौरान करीब डेढ़ दर्जन क्वार्टरों के आगे अतिक्रमण हटाए गए और पचास से अधिक क्वार्टर खाली करवाए गए। इनमें ३९ क्वार्टर नाकारा घोषित किए हुए हैं।
संभालते रहे किताबें
कार्रवाई के दौरान बेदखल परिवार के बडे़ सदस्य चिंतित और सामान की सुरक्षा में व्यस्त नजर आए, वहीं छोटे बच्चे अपनी स्कूल की कॉपी-किताबों तथा खिलौनों को संभालने में व्यस्त रहे। आशियाना उजडऩे से बेखबर छोटे बच्चे पालतू जानवरों के साथ खेलते और उनको धूप से बचाते नजर आए।
कार्रवाई के दौरान बेदखल परिवार के बडे़ सदस्य चिंतित और सामान की सुरक्षा में व्यस्त नजर आए, वहीं छोटे बच्चे अपनी स्कूल की कॉपी-किताबों तथा खिलौनों को संभालने में व्यस्त रहे। आशियाना उजडऩे से बेखबर छोटे बच्चे पालतू जानवरों के साथ खेलते और उनको धूप से बचाते नजर आए।
गिड़गिड़ाती रही प्रसूता कुछ दिन पहले ही बच्चे को जन्म देने वाली लक्ष्मी नहर विभाग के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों से आशियाने को नहीं उजाडऩे की गुहार लगाती रही, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। बार-बार आंसू पोंछते व गोद में महज कुछ दिनों के मासूम को लिए यह महिला हर किसी की ओर मदद की उम्मीद से ताकती रही। नहर विभाग में कार्यरत पूर्णचन्द ने बताया कि वह लूणकरनसर लिफ्ट में कार्यरत है। उसके पिता भी नहर विभाग में कार्यरत थे। बिना सूचना के कार्रवाई की जा रही है।
पुख्ता पुलिस जाब्ता कार्रवाई के दौरान पुख्ता पुलिस बंदोबस्त रहा। बीछवाल थाना सीआई धीरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस जवान मौके पर मौजूद रहे। महिला कांस्टेबल भी मौजूद रही।
सड़क पर घरेलू सामान
बिना अनुमति और नाकारा क्वार्टरों में कई परिवार रह रहे थे। इन क्वार्टरों को खाली करवाने के दौरान उन परिवारों का घरेलू सामान सड़क पर आ गया। बच्चों से बुजुर्ग तक सड़क पर पडे़ अपने सामान को समेटते नजर आए। नहर विभाग के कर्मचारी भी क्वार्टरों से सामान बाहर निकालते रहे। इस दौरान कुछ परिवारों के सामान को नुकसान भी हुआ।