यह भारी होने के कारण धुलाई के समय मुश्किल होती है। यात्री इन कम्बलों को लेकर शिकायतें दर्ज करवाते थे, इसके बाद कैग ने भी अपनी रिपोर्ट में यात्रियों की शिकायतों को जायज माना था, इसके बाद अब रेलवे ने नए सिरे से नई व्यवस्था के आधार पर कंबल खरीदने का निर्णय किया है।
ये थी शिकायतें
वर्तमान में ट्रेन के एसी कोच में मोटे किस्म के ऊनी कंबल यात्रियों को दिए जाते हैं, जो भारी होते हैं। साथ ही लंबे अन्तराल से इनकी धुलाई की जाती है। इस कारण इनमें गंध आने लगती है। इसकी शिकायतें रेलवे के पास लगातार पहुंच रही थी। रेलवे में कई स्थानों पर धुलाई की व्यवस्था ठेका प्रथा पर आधारित है, कई मंडलों में स्वयं की मेकेनाइज्ड लॉड्री है। बीकानेर में रेलवे स्टेशन पर ही कम्बल, चद्दर आदि की धुलाई व प्रेस होती है।
वर्तमान में ट्रेन के एसी कोच में मोटे किस्म के ऊनी कंबल यात्रियों को दिए जाते हैं, जो भारी होते हैं। साथ ही लंबे अन्तराल से इनकी धुलाई की जाती है। इस कारण इनमें गंध आने लगती है। इसकी शिकायतें रेलवे के पास लगातार पहुंच रही थी। रेलवे में कई स्थानों पर धुलाई की व्यवस्था ठेका प्रथा पर आधारित है, कई मंडलों में स्वयं की मेकेनाइज्ड लॉड्री है। बीकानेर में रेलवे स्टेशन पर ही कम्बल, चद्दर आदि की धुलाई व प्रेस होती है।
वजह होगा 450 ग्राम
रेलवे को मिल रही शिकायतें, सुझावों के बाद अब सोच में बदलाव कर रही है। एसी कोच में सप्लाई के लिए नए बेहतर मानक वाले कंबल खरीदे जाएंगे। जहां मौजूदा ऊनी कंबल दो किलोग्राम से अधिक वजन के है, वहीं नए कंबलों का वजन मात्र 450 ग्राम होगा।
रेलवे को मिल रही शिकायतें, सुझावों के बाद अब सोच में बदलाव कर रही है। एसी कोच में सप्लाई के लिए नए बेहतर मानक वाले कंबल खरीदे जाएंगे। जहां मौजूदा ऊनी कंबल दो किलोग्राम से अधिक वजन के है, वहीं नए कंबलों का वजन मात्र 450 ग्राम होगा।
इसके लिए इनमें ऊनी रेशों की मात्रा (अनुमानित 15 प्रतिशत) और सिंथेटिक फाइबर की मात्रा अधिक (60 प्रतिशत ) रखी जाएगी। इनके चारों ओर लगने वाली साटिन की किनारी की सिलाई भी पहले से ज्यादा बेहतर होगी। नए कम्बलों को एक पखवाड़े में आसानी से धोया जा सकेगा।
संसद में उठा था मामला
गौरतलब है कि बीते साल नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने संसद में रिपोर्ट पेश कर कंबलों की गुणवत्ता और सफाई को लेकर रेलवे के सामने सवाल खड़े किए थे, कंबलों से जुड़ी शिकायतों को दूर करने के लिए रेलवे ने ढाई साल पहले भुगतान आधारित डिस्पोजेबल कंबलों की स्कीम भी शुरू की थी, लेकिन वैकल्पिक योजना को यात्रियों ने तरजीह
नहीं दी।
गौरतलब है कि बीते साल नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने संसद में रिपोर्ट पेश कर कंबलों की गुणवत्ता और सफाई को लेकर रेलवे के सामने सवाल खड़े किए थे, कंबलों से जुड़ी शिकायतों को दूर करने के लिए रेलवे ने ढाई साल पहले भुगतान आधारित डिस्पोजेबल कंबलों की स्कीम भी शुरू की थी, लेकिन वैकल्पिक योजना को यात्रियों ने तरजीह
नहीं दी।
जल्द ही बदलेगी व्यवस्था
बीकानेर मंडल में रेलवे का स्वयं का लॉड्री है, यहां पर इसकी ज्यादा शिकायतें नहीं आई है। फिर भी रेलवे के सभी जोन में व्यवस्थाओं में बदलाव होगा। बीकानेर मंडल में नई कम्बलें खरीदी जाएगी। जल्द ही यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी, यात्रियों को किसी तरह की शिकायतें नहीं रहेगी।
सीआर कुमावत, वरिष्ठ वाणिज्य मंडल प्रबंधक
बीकानेर मंडल में रेलवे का स्वयं का लॉड्री है, यहां पर इसकी ज्यादा शिकायतें नहीं आई है। फिर भी रेलवे के सभी जोन में व्यवस्थाओं में बदलाव होगा। बीकानेर मंडल में नई कम्बलें खरीदी जाएगी। जल्द ही यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी, यात्रियों को किसी तरह की शिकायतें नहीं रहेगी।
सीआर कुमावत, वरिष्ठ वाणिज्य मंडल प्रबंधक