बीकानेर

फेसबुक से एटैच एक वेबसाइट के माध्यम से बन रहे हैं सेना के हुबहू परिचय पत्र, आतंकी कर सकते हैं दुरुपयोग

भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी होने वाले आईकार्ड की हुबहू कॉपी ऐसे आईकार्ड देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।

बीकानेरOct 06, 2017 / 08:09 am

अनुश्री जोशी

सेना के लेफ्टिनेंट से लेकर वायुसेना के एयर कमांडोज तक के आईडी कार्ड चंद सैकिण्ड में तैयार होकर मोबाइल स्क्रीन पर आ रहे हैं। भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी होने वाले आईकार्ड की हुबहू कॉपी में बनवाने वाले की फोटो और नाम सब दर्ज होता है। ऐसे आईकार्ड देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
 

सेना की वर्दी, पहचान चिन्ह और आईकार्ड का उपयोग कोई भी आम आदमी नहीं ले सकता। यह कानूनन अपराध भी है। खासकर सीमावर्ती इलाके में फेसबुक से अटैच एक वेबसाइट से बन रहे सेना के ऐसे फर्जी आइडी कार्ड खतरनाक साबित हो सकते है।पिछले साल उरी में सेना हैड क्वार्टर पर आंतकी हमला हो या पठानकोट सेना के एयरबेस पर आतंकी वारदात।
 

दोनों में आतंकवादी सेना की वर्दी में हमला करने पहुंचे। पड़ोसी मुल्क से भारतीय सीमा में घुसने के बाद उन्होंने टारगेट तक पहुंचने के लिए सेना की वर्दी और फर्जी आईकार्ड का उपयोग किया। इसके बाद से देशभर में सैन्य वर्दी व अन्य पहचान के सामान के दुरुपयोग पर चिंता जताई गई। परन्तु अब महज एक वेबसाइट के माध्यम से आसानी से हर हाथ में सेना के आईडी कार्ड पहुंचना खतरनाक साबित हो सकता है।
 

आप सेना में शामिल होंगे तो…
फेसबुक पर इस तरह की पोस्ट वेबसाइट प्रसारित करती है जिस पर लिखा होता है कि यदि आप सेना में शामिल होंगे तो आपका आईडी कार्ड कैसा होगा। फिर लिंक पर क्लिक करते ही वेबसाइट के मैन पेज पर पहुंच जाते हैं। जहां पहले फेसबुक लोगइन करने के लिए कहा जाता है। फेसबुक लोगइन होते ही वेबसाइट फेसबुक से नाम और प्रोफाइल फोटो उठाकर आईकार्ड पर दर्ज कर देती है।
 

साथ ही आईकार्ड को फेसबुक पर शेयर करने के लिए कहा जाता है। आईडी कार्ड के साथ ‘वाह आपका आईडी ऐसा दिखेगा अगर आप इंडियर एयरफोर्स में शामिल होंगे। किसी भी लड़ाई को जीतने के लिए भारतीय वायु सेना की उतनी ही जरूरत पड़ती है जितनी की थल सेना की। भारतीय वायु सेना भारत की सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम होती है। जरूरत पडऩे पर कार्य करती है।
 

प्रतीक चिन्ह का उपयोग
क्यूयूआईजैडओएनआईएक्स डॉट कॉम नाम फेसबुक से अटैच वेबसाइट इस तरह के सेना के आईकार्ड तैयार कर आम लोगों को दे रही है। इन आई कार्ड पर अशोक स्तम्भ का चित्र, आर्मी के लोगो भी बेकराउंड में लगे होते हैं। इसका रंगीन प्रिंट निकालने पर आसानी से पहचान में नहीं आता कि यह सेना का कार्ड है या फर्जी।
 

सीमावर्ती रिपोर्टर के बनवाए आई कार्ड
पत्रिका ने सेना के ऐसे फर्जी आईडी कार्ड के सीमावर्ती इलाके में दुरुपयोग की तरफ ध्यान दिलाने के लिए फेसबुक आईडी पर आई पोस्ट के माध्यम से श्रीगंगानगर और बीकानेर के पत्रिका रिपोर्टर के आईडी कार्ड बनवाए। एक एयरफोर्स का दूसरा थल सेना का। इसी तरह वेबसाइट पर लोगों को आकर्षित करने के लिए सचिन तेंदुलकर का वायुसेना के लेफ्टिनेंट के पद का कार्ड भी प्रदर्शित किया हुआ मिला।
 

मुख्यालय को भेजा मामला
पत्रिका ने इस तरह के फर्जी आईडी कार्ड बनाकर सोशल मीडिया में वायरल होने की जानकारी दी है। इस मामले को सेना के मुख्यालय को फारवर्ड किया गया है। सेना के फर्जी आईडी कार्ड बनाना कानूनन गलत है।
कर्नल मनीष ओझा रक्षा प्रवक्ता राजस्थान।

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