इसी प्रकार लूणकरनसर के बाजार में भी दो निजी दुकानों पर पहुंची खाद का वितरण भी पुलिस की मौजूदगी में किया गया। ऐसी स्थिति में सैकड़ों काश्तकारों को निराश लौटना पड़ा। काश्तकारों ने बताया कि इन दिनों सरसों की फसल में पहला सिंचाई पानी चल रहा है तथा बिना यूरिया डालने से सिंचाई पानी बेकार जा रहा है। लूणकरनसर क्रय-विक्रय सहकारी समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नोपाराम भाकर ने बताया कि किसानों की मांग को देखते हुए डिमाण्ड भिजवाई जा चुकी है। लेकिन यूरिया की रैंक नहीं लगने से आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
खाजूवाला. सीमावर्ती क्षेत्र खाजूवाला में किसानों के सामने यूरिया खाद को लेकर बड़ी मुश्किल बनी हुई है। खाजूवाला की क्रय-विक्रय सहकारी समिति के सामने लंबी कतार में लगकर किसानों को यूरिया लेनी पड़ रही है। घंटो कतारों में लगने के बाद भी मात्र एक किसान को 5 ही थैले यूरिया उपलब्ध हो रही है क्योंकि खाद का प्राप्त मात्रा में उपलब्ध न होना परेशानी का कारण है। मंगलवार को सैकड़ों किसानों को घंटो तक लम्बी-लम्बी लाइनों में लगने के बाद भी किसानों को खाली हाथ घर लौटना पड़ रहा है।
किसानों ने बताया कि इस समय पर गेहूं, सरसों व चने की फसलों के लिए खाद अति आवश्यक है जो खाजूवाला में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध न होने के कारण किसानों के लिए परेशानी बनी हुई है। क्रय विक्रय सहकारी समिति के व्यवस्थापक सुनील कुमार ने बताया कि जिस तरह से यूरिया खाद उपलब्ध हो रही है किसानों के लिए उपलब्ध करवाई जा रही हैं ओर सभी को समान रूप से वितरण की व्यवस्था की गयी हैं। भारतीय किसान संघ ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर खाजूवाला क्षेत्र में यूरिया खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाने की मांग की गई है।