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निजी स्कूलों में फीस कानून लागू नहीं करने पर होगी मान्यता रद्द

locationबीकानेरPublished: Nov 14, 2017 08:27:49 am

राज्य सरकार ने अधिनियम 2016 को पिछले वर्ष एक जुलाई से लागू किया था। इसी के तहत अधिनियम 2017 इस वर्ष 14 फरवरी से लागू किया गया।

Fees being taken from students

Fees being taken from students

राज्य में अनेक निजी स्कूलों ने राजस्थान विद्यालय (फीस का विनियमन) अधिनियम 2016 नियम 2017 के प्रावधानों के अनुसार फीस का निर्धारण नहीं किया है। राज्य सरकार ने इस कानून की निजी स्कूलों द्वारा की गई अनदेखी को गंभीर माना है।
राज्य सरकार ने अधिनियम 2016 को पिछले वर्ष एक जुलाई से लागू किया था। इसी के तहत अधिनियम 2017 इस वर्ष 14 फरवरी से लागू किया गया। लेकिन निजी स्कूलों की ओर से इनकी पालना नहीं की जा रही है।
इस अनदेखी के खिलाफ माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि फीस निर्धारण संबंधी कानून की पालना नहीं करने वाली निजी स्कूलों की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की जाए।
निर्देशों में कहा गया है कि आगामी सत्र से छह माह पूर्व इस कानून की पालना सुनिश्चित की जानी है। डीईओ जिले में संचालित सभी निजी स्कूलों को इस एक्ट को लागू करने के लिए पाबंद करें। लापरवाही बरतने पर डीईओ के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
ये करनी होगी प्रक्रिया
इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार विद्यालय के मुखिया की ओर से प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के प्रांरभ में 30 दिनों के भीतर माता-पिता अध्यापक संगम का गठन करना अनिवार्य है। इसके बाद विद्यालय स्तरीय फीस समिति का गठन किया जाना चाहिए। सभी निजी विद्यालयों को संगम और समिति का गठन लाटरी से करना होता है।
प्रबंधन आगामी शैक्षणिक वर्ष के प्रारंभ से कम से कम 6 माह पूर्व प्रस्तावित फीस विद्यालय स्तरीय फीस समिंति को अनुमोदन के लिए रखें। समिति प्रस्तावित फीस का अनुमोदन करेगी। समिति की ओर से अनुमोदित निर्धारित फीस नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाएगी।
इसकी प्रति जिला शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध करवानी होगी। इसे प्राइवेट स्कूल पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। इस सम्बन्ध में शिक्षा निदेशालय की ओर से निजी विद्यालयों से 29 मई तथा 6 नवम्बर 2017 को एक्सल सीट पर चाही गई सूचना अभी तक नहीं दी गई है।
निर्देश जारी

रेग्यूलेशन ऑफ फीस एक्ट को लागू करने के प्रति सरकार सख्त है। इस सम्बन्ध में डीईओ को फिर से 10 नवम्बर 2017 को निर्देश जारी किए गए हैं कि निजी स्कूलों को इसकी पालना के लिए पाबंद करें। जो स्कूलें सरकार के फीस विनियमन अधिनियम की पालना नहीं करती हैं उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
डॉ. विजय शंकर आचार्य, संयुक्त निदेशक, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर
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