कस्बे में खाद के लिए पिछले एक सप्ताह से सोसायटी एवं पेस्टीसाइड की दुकानों पर सुबह 6 बजे से ही खाद के लिए किसानों की लाइन लग गई। खाद के लिए इंतजार कर रहे किसानों का सब्र टूट रहा है। अब किसान खाद के लिए आंदोलन करने पर उतारू हो रहें हैं। वहीं आसपास की मंडियों व ग्राम सेवा सहकारी समितियों के सामने दो दिन से रोजाना किसान कतार में आकर लग रहें। किसानों ने छतरगढ़़ में कालाबाजारी से खाद बेचने का आरोप लगाया। उधर, अधिकारियों का कहना है कि आधार कार्ड के अनुसार खाद बंट रही है तथा प्राइवेट कांउटरों से भी तय दाम में ही बिक रहा है।
कालाबाजारी का आरोप
कस्बे से 30 किमी दूर डंडी से खाद लेने आए बुजुर्ग किसान मोहम्मद फारुख ने आरोप लगाया कि छतरगढ़़ में एक पेस्टीसाइड संचालक के यहां गोदाम में खाद रखी है। जब वहां खाद लेने गए तो यूरिया के लिए 300 रुपए मांगे गए। आरडी 465 हेड से आए किसान रतनलाल ने बताया कि यहां खाद के लिए तीन दिन से रोज लाइन में लग रहे हैं। उनके पास केवल दो एकड़ जमीन है, लेकिन तीन दिन के इंतजार के बाद भी अभी तक उन्हें खाद नहीं मिल सकी। ऐसे में बुवाई में पिछडऩे का अंदेशा है। रोजड़ी के कमल यादव भी दो दिन से खाद के लिए चक्कर लगा रहे हैं।
महिलाएं भी कतार में
खाद के लिए कई परिवारों की महिलाएं भी इन दिनों चूल्हा चौका और घर के जरूरी काम छोड़कर 2-2 बोरी खाद के लिए हाथों में आधार कार्ड लिए लाइन में लगी आसानी से देखी जा सकती हैं। बीते सालों में भी महिलाओं को कस्बे सहित आसपास की मंडियों कई जगह खाद के लिए लाइन में लगा देखा गया।
इनका कहना है
&यूरिया खाद की एक गाड़ी पिछले शनिवार को आई थी। उसे किसानों को आधार कार्ड के आधार पर उपखंड प्रशासन के आदेशानुसार वितरण की गई है। ग्राम सेवा सहकारी समिति छतरगढ़़ किसानों को नियमित रूप से यूरिया खाद उपलब्ध होने पर लाइन के मुताबिक वितरित कर रही है।
मोहम्मद अली, व्यवस्थापक, ग्राम सेवा सहकारी समिति, छतरगढ़़