आग से एकबारगी अफरा-तफरी मच गई। मॉर्डन मार्केट क्षेत्र में एक दुकान में रखी फोटो स्टेट मशीन में आग लग गई। इस आग से मशीन को नुकसान पहुंचा। रानी बाजार क्षेत्र में चाय की दुकान में आग लगने से वहां रखा एलपीजी सिलेण्डर फट गया। सिलेण्डर फटने से शटर तथा दीवार को तथा पास में रखे एक और सिलेण्डर को भी नुकसान पहुंचा।
खतूरिया कॉलोनी, जेएनवी सेक्टर-छह, वैद्य मघाराम कॉलोनी सूरज बाल स्कूल के पास, पंचशती सर्किल महिला जागृति स्कूल के पास, रामपुरिया मोहल्ला भंवर निवास के पास, एम पी कॉलोनी, राजीव नगर सेक्टर-आठ, नाल रोड एक पेट्रोल पम्प के सामने, भीनासर सेठिया मोहल्ला आदि स्थानों पर खुले बाड़ों में आग लगी।
यहां भी लगी आग
पटाखों के कारण धरणीधर मंदिर रोड पुलिया के पास ट्रांसफार्मर में, जैन कॉलेज नोखा रोड चाय की दुकान के छपरे में, जूनागढ़ के पीछे खाई में पड़े कचरे के ढेर व झाडिय़ों में, मोहता सराय क्षेत्र, अंत्योदय नगर, लाली बाई बगेची, पूगल रोड पुरानी बीएसटीसी स्कूल के पास कचरे के ढेर में आग लगी। अग्निशमन अधिकारी रूप सिंह के नेतृत्व में फायर ब्रिगेड कर्मचारियों ने आग बुझाने की सेवा दी।
पटाखों के कारण धरणीधर मंदिर रोड पुलिया के पास ट्रांसफार्मर में, जैन कॉलेज नोखा रोड चाय की दुकान के छपरे में, जूनागढ़ के पीछे खाई में पड़े कचरे के ढेर व झाडिय़ों में, मोहता सराय क्षेत्र, अंत्योदय नगर, लाली बाई बगेची, पूगल रोड पुरानी बीएसटीसी स्कूल के पास कचरे के ढेर में आग लगी। अग्निशमन अधिकारी रूप सिंह के नेतृत्व में फायर ब्रिगेड कर्मचारियों ने आग बुझाने की सेवा दी।
पटाखों से पांच दर्जन से अधिक झुलसे
दीपावली के दौरान पटाखे जलाते समय करीब पांच दर्जन से अधिक लोग झुलस गए। उन्हें उपचार के लिए पीबीएम अस्पताल में लाया गया। जहां दीपावली के दृष्टिगत विशेष चिकित्सकीय व्यवस्था के तहत लगाए गए विशेषज्ञ चिकित्सकों ने झुलसे लोगों का उपचार किया। चिकित्सकों के अनुसार पटाखों से झुलसे पीबीएम पहुंचे उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। इनमें अधिकांश छोटी उम्र के बच्चे हैं।
दीपावली के दौरान पटाखे जलाते समय करीब पांच दर्जन से अधिक लोग झुलस गए। उन्हें उपचार के लिए पीबीएम अस्पताल में लाया गया। जहां दीपावली के दृष्टिगत विशेष चिकित्सकीय व्यवस्था के तहत लगाए गए विशेषज्ञ चिकित्सकों ने झुलसे लोगों का उपचार किया। चिकित्सकों के अनुसार पटाखों से झुलसे पीबीएम पहुंचे उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। इनमें अधिकांश छोटी उम्र के बच्चे हैं।