इन सेन्टरों में पशु पालकों को पशुओं के रख-रखाव का प्रशिक्षण एवं बीमारियों की जानकारी, इलाके में पशु पालन की जरूरत के आधार पर अनुसंधान और पशु बीमारियों की जांच की व्यवस्था रहेगी। अभी तक राज्य के जोधपुर , चूरू एवं झुंझुनूं जिले में सेन्टर के भवन निर्माण का कार्य चल रहा है। बीकानेर में लूणकरनसर तथा श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में सेन्टर संचालित किया जा रहा है।
डूंगरपुर में भवन बन रहा है। टोंक और कोटा में भूमि देने की प्रक्रिया चल रही है। झालावाड़ व जालौर में भी जमीन की मांग रखी गई है। सिरोही में भवन बन रहा है। इन सेन्टर में एक एसोसिएट प्रोफेसर, दो असिस्टेट प्रोफेसर , एक क्लर्क, एक चपरासी, वाहन चालक एवं एक वाहन की स्वीकृति दी गई है। सेन्टर की टीम गांवों तक जाकर पशु पालकों को प्रशिक्षण देने का कार्य करते हैं।
राज्य में पशुधन विकास पर जोर
राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान वि.वि. की योजना के तहत राज्य सरकार ने प्रत्येक जिले में वेटरनरी वि.वि. टीचिंग एण्ड रिसर्च सेन्टर खोलने की मुख्यमंत्री ने बजट प्रस्तावों में घोषणा की गई। घोषणा के मुताबिक हर साल राज्य में 5 नए सेन्टर खोले जा रहे हैं। चालू वर्ष के लिए पांच सेन्टर के प्रस्ताव मांगें गए हैं।
राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान वि.वि. की योजना के तहत राज्य सरकार ने प्रत्येक जिले में वेटरनरी वि.वि. टीचिंग एण्ड रिसर्च सेन्टर खोलने की मुख्यमंत्री ने बजट प्रस्तावों में घोषणा की गई। घोषणा के मुताबिक हर साल राज्य में 5 नए सेन्टर खोले जा रहे हैं। चालू वर्ष के लिए पांच सेन्टर के प्रस्ताव मांगें गए हैं।
वि.वि. ने ये प्रस्ताव भेज दिए हैं। पूरे राज्य में ये सेन्टर खुलने के बाद पशुधन संवर्धन, संरक्षण, बीमारियों की रोकथाम और उत्पादन में बढ़ोतरी जैसे कामों में गुणवत्ता आएगी। राज्य पशु पालन के क्षेत्र में और उन्नति की तरफ अग्रसर होगा।
प्रो. ए.पी. सिंह निदेशक प्रसार, राजूवास बीकानेर
प्रो. ए.पी. सिंह निदेशक प्रसार, राजूवास बीकानेर