यह है मामला
जेएनवीसी सीआई महावीर बिश्नोई ने बताया कि आग यहां खड्डों में पड़े कचरे व झाड़-झंखाड़ में लगी थी। आग ने धीरे-धीरे रेलवे ट्रैक के पास के कींकरों व पेड़ों को चपेट में ले लिया। लपटें दूर से ही दिखाई पड़ रही थीं। रेलवे ट्रैक के किनारे-किनारे खड़े पेड़ों में आग करीब पांच सौ मीटर के दायरे में फैल गई। रात में अंधेरा एवं खड्ड़े होने से आग बुझाने में परेशानी हो रही थी। रेलवे ट्रैक के सहारे-सहारे आग बढ़ने से नोखा की तरफ जाने वाली सभी ट्रेनों को एकबारगी रोक दिया गया।
चार दमकलें लगीं आग बुझाने में
चार दमकलों की मदद से करीब पौने तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। इसके बाद रात को करीब सवा नौ बजे ट्रैक से एक ट्रेन को निकाला गया। उसके सुरक्षित निकलने के बाद फिर कुछ देर बाद ट्रैक पर सामान्य आवागमन शुरू हो सका।