इससे पूर्व भी यहां के व्यापारियों ने फूड लाइसेंस के दिल्ली में बनाए जाने संबंधी सूचना के बाद विरोध किया था। हालांकि उस समय केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की ओर से व्यापारियों को दिए आश्वासन के बाद व्यापारियों ने विरोध करना बंद कर दिया था।
दिल्ली में ही होंगे नवीनीकरण
भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) की ओर से जारी आदेश अनुसार अब एक नवम्बर 2020 के बाद फूड लाइसेंस संबंधी प्रक्रिया दिल्ली में शुरू कर दी जाएगी। इतना ही नहीं पुराने लाइसेंस के नवीनीकरण का कार्य भी 31 दिसम्बर से पहले दिल्ली में नवीनीकरण करवाने होंगे।
व्यापारियों की बढ़ेगी मुश्किल
बीकानेर पापड़ भुजिया मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वेद प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि बीकानेर में निर्मित भुजिया, पापड़ तथा रसगुल्ला के चलते हजारों-लाखों बेरोजगारों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। उन्होंने बताया कि फूड लाइसेंस संबंधी प्रक्रिया के जटिल होने के कारण छोटे-छोटे व्यापारियों को मजबूरन अपने कार्य को बंद करना पड़ेगा, जिससे बीकानेर में बेरोजगारी बढ़ेगी।
अब दिल्ली में बनेंगे फूड लाइसेंस, विरोध में उतरे व्यापारी बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पचीसिया ने भी फूड लाइसेंस प्रक्रिया के दिल्ली में बनाए जाने का विरोध किया है। उन्होंने बताया कि बीकानेर के कारीगरों और व्यापारियों ने भुजिया, पापड़ तथा रसगुल्लों को उच्च कोटी का बनाकर बीकानेर का नाम देश-विदेश में रोशन किया है। लेकिन लाइसेंस की जटिल प्रक्रिया यहां के लघु उद्योग-धंधों को समाप्त कर देंगे। पचीसिया ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते वैसे ही उद्योग-धंधे चौपट हैं। ऐसे हालात में सख्त नियमों को लागू कर व्यापारियों पर एक और भारी संकट उत्पन्न करने की कोशिश की जा रही है।