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जिंसों की खरीद पर मिले ढाई प्रतिशत आढ़त

locationबीकानेरPublished: Jul 24, 2018 10:24:04 am

Submitted by:

dinesh kumar swami

कृषि उपज मण्डी समिति के लाइसेंसशुदा कच्चे आढ़तियों को पंजाब व हरियाणा की तर्ज पर दो से ढ़ाई प्रतिशत आढ़त करने एवं जिंसों की सरकारी खरीद पर भी आढ़त दिलवाने की मांग को लेकर सोमवार को यहां खाद्य व्यापार संघ अध्यक्ष मोहनलाल सिहाग के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी को सौंपा गया है।

Food trading board

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खाजूवाला. कृषि उपज मण्डी समिति के लाइसेंसशुदा कच्चे आढ़तियों को पंजाब व हरियाणा की तर्ज पर दो से ढ़ाई प्रतिशत आढ़त करने एवं जिंसों की सरकारी खरीद पर भी आढ़त दिलवाने की मांग को लेकर सोमवार को यहां खाद्य व्यापार संघ अध्यक्ष मोहनलाल सिहाग के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी को सौंपा गया है।
अध्यक्ष सिहाग ने बताया कि धान मण्डी में कृषि उपज मण्डी समिति एवं बिक्री कर विभाग से प्राधिकृत पत्र लेकर कार्य करने वाले कच्चे आढ़तियों के वर्ग दलाल को 25 वर्षों से जिंसों की नीलामी पर मात्र दो प्रतिशत आढ़त देने व प्रावधान चल रहा है। इस अवधि के दौरान मंहगाई बढ़ चुकी है लेकिन आढ़तियों को वही दो प्रतिशत आढ़त मिल रही है। जबकि पंजाब व हरियाणा में पिछले लम्बे समय से आढ़तियों को ढ़ाई प्रतिशत आढ़त देय है। अब मूंग, सरसों व चना की सरकारी खरीद पर आढ़त का भुगतान नहीं किया गया है। इस अवसर पर चेतराम भाम्भू, राधेश्याम पारीक, रामचन्द्र गोदारा, नरेन्द्र गोदारा, भीखाराम जाखड़, गिरधारी चुग व व्यापारी मौजूद थे।
नई प्रणाली का मिले प्रशिक्षण
श्रीडूंगरगढ़. यहां अनाज मण्डी व्यापार संघ ने सोमवार को रिम्स व ई-नाम प्रणाली से सी तथा डी श्रेणी की कृषि उपज मण्डी समितियों को मुक्त रखने एवं व्यापारियों को प्रशिक्षण देने की मांग को लेकर कृषि विपणन म़त्री को पत्र लिखकर अवगत करवाया है। संघ के अध्यक्ष श्यामसुन्दर पारीक ने बताया कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा कृषि उपज मण्डियों में रिम्स व ई-नाम प्रणाली लागू करने की प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव है। यह प्रक्रिया कई मण्डियों में प्रयोगिक तौर पर लागू भी कर दी है। ऑनलाइन व्यापार प्रक्रिया के तहत किसानों का माल दूसरे राज्यों के व्यापारियों द्वारा ऑनलाइन खरीदने का प्रावधान है लेकिन सरकार द्वारा यह व्यवस्था आनन फानन में लागू की जा रही है। इसमें सी व डी श्रेणी के किसान तथा व्यापारियों को ऑनलाइन व्यापार की तकनीकी जानकारी नहीं है। ऑनलाइन माल की गुणवता देखकर माल की परख करना व अनाज के भाव लगाना सम्भव नहीं है। व्यापार संघ ने इस परियोजना का विरोध किरते हुए इस प्रणाली के बारे में व्यापारियों को पूरा प्रशिक्षण देकर ही लागू करने तथा सी व डी श्रेणी की मण्डियों में पहले की प्रणाली के तहत ही व्यापार चलाने की छूट दी जाने की मांग की है।
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