निवेशकों को आकर्षित करने के 4 बड़े कदम
– 30 जून 2025 तक चालू होने वाली परियोजनाओं के लिए सौर और पवन विद्युत की अंतरराज्य बिक्री के लिए अंतर राज्य पारेषण प्रणाली शुल्क माफ।
– वर्ष 2030 तक अक्षय ऊर्जा खरीद बाध्यता (आरपीओ) के लिए ट्रैजेक्ट्री की घोषणा।
– लगाओ और चलाओ के आधार पर अल्ट्रा मेगा अक्षय ऊर्जा पार्कों की स्थापना।
– परियोजना विकास एकक की स्थापना।
सौर ऊर्जा : सर्वाधिक विदेशी निवेश वाले टॉप 5 देश
देश – प्राप्त एफडीआई
सिंगापुर – 780.781
यूके – 778.271
मॉरीशस – 632.523
यूएई – 543.235
नीदरलैंड – 256.197
(पिछले तीन वित्तीय वर्षों में प्राप्त एफडीआई मिलियन अमरीकी डॉलर में)
सोलर में एआई से बढ़ रही हमारी क्षमता
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल से न केवल सहूलियतें बढ़ रही हैं, बल्कि इससे ऊर्जा उत्पादन भी बढ़ रहा है। प्लांट के पैनल्स और मॉड्यूल्स में मैनुअली फॉल्ट तलाशने और उसे ठीक करने में एक महीने से ज्यादा समय लगता था। अब एआई के इस्तेमाल से मिनटों में फॉल्ट डिटेक्ट कर उसका समाधान भी होने लगा है। सोलर एक्सपर्ट इस क्षेत्र में कई एआई टूल्स का इस्तेमाल कर एफिशिएंसी बढ़ा रहे हैं।
उजली है वर्तमान तस्वीर
180.79 गीगावाट कुल स्थापित क्षमता है बड़े जलविद्युत सहित नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की
73.32 गीगावाट की सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता है वर्तमान में
58 सोलर पार्क स्वीकृृत हो चुके 40000 मेगावाट समग्र क्षमता के 13 राज्यों में
20 सोलर पार्क में 10,576 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाएं हो चुकी शुरू
लक्ष्य में सुनहरा भविष्य
500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य है वर्ष 2030 तक
45% कार्बन तीव्रता को कम करनी है दशक के अंत तक
50% संचयी विद्युत स्थापित करनी है नवीकरणीय ऊर्जा से 2030 तक
2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य
अक्षय ऊर्जा में अव्वल है राजस्थान, एफडीआई से और चमकेंगे
राज्य – अक्षय ऊर्जा की स्थापित क्षमता
राजस्थान – 24120.05
गुजरात – 21977.01
तमिलनाडु – 18956.96
कर्नाटक – 18197.07
महाराष्ट्र – 13263.73
मध्यप्रदेश – 6272.99
छत्तीसगढ़ – 1423.24
(दिसम्बर 2023 तक की स्थिति, क्षमता मेगावाट में)
टॉपिक एक्सपर्ट : सबसे ज्यादा जॉब देने वाला सेक्टर बनेगा सोलर
राजस्थान, विशेष तौर पर पश्चिमी राजस्थान में सोलर में सबसे ज्यादा जॉब आएंगी। अभी इस क्षेत्र में बाहर के युवा ज्यादा लगे हैं। यहां की आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों को सोलर के क्षेत्र पर फोकस कर दक्ष युवा तैयार करने चाहिए। सरकार को भी इस लिहाज से युवाओं का स्किल डवलपमेंट करना चाहिए। एफडीआई और एआई के कॉम्बिनेशन से यह सेक्टर और चमकेगा।
– योगेंद्र रंगा, सोलर एक्सपर्ट