देश में जिस तरह पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव फैल रहा है। इसको लेकर कई विदेशी नागरिक भी भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए आगे आए है। यह विदेशी नागरिक राज्य के कई जगहों पर जाकर बुधवार को बीकानेर पहुंचे। यहां बीकानेर में इन पांच रशियन नागरिकों ने जैसे ही सड़क के किनारे हरे रामा-हरे कृष्णा के भजन शुरू किए तो शहर के लोगों की भीड़ जमा हो गई।
सादुलसिंह सर्किल के किनारे यह पांच रशियन नागरिक अपने तबला, हारमोनियम व मंजीरे की धून पर हरे रामा-हरे कृष्णा गाकर लोगों को संस्कृति बचाने का संदेश दे रहे है। इसके साथ ही इन पांच रशियन में दो पुरूष गाना बजाते है तो एक महिला मंजीरा बजाती है। वहीं एक महिला व एक पुरूष धार्मिक पुस्तकों को बेच रहे है।
अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ यानि इस्कॉन से करीब 25 साल से जुड़े जगतगुरुदास ने बताया कि यहां पांच विदेशी नागरिक हरिनाम संकीर्तन यज्ञ व धार्मिक किताबों की प्रिटिंग के लिए रुपए इकट्ठे कर रहे है।
वे यहां बीकानेर में प्रसिद्ध जगहों को देखने के लिए नहीं आए है, बल्कि यहां के लोगों को देखने के लिए आए है। जो भारतीय संस्कृति को भूल गए है उनको संस्कृति की याद दिलाने आए है।
जगतगुरुदास ने बताया कि हमारा उद्देश्य है कि धार्मिक संस्कृति को वैदिक संस्कृति को सुरक्षित करना चाहते है तो धार्मिक पुस्तकें दे रहे है। हम विदेश से आए हुए है। मानव जीवन मतलब यज्ञ करना है।
आज के समय में सभी के पास मोबाइल व कम्प्यूटर है। लेकिन लोगों के पास यज्ञ करने के लिए समय नहीं है। अगर यज्ञ नहीं करते है तो मानव जीवन प्रारंभ नहीं हुआ है।