कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए महानिरीक्षक पुलिस जोस मोहन ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ उठाकर अधिकारी वैज्ञानिक सोच को विकसित करने का आह्वान किया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को जिले कि मोबाइल फोरेंसिक यूनिट का अधिक से अधिक लाभ उठाने की बात कही। कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में क्षेत्रीय प्रयोगशाला में उपलब्ध सभी विषय विशेषज्ञों ने जानकारी दी।
पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन ने अनुसंधान अधिकारियों द्वारा केस एमएसएल में जमा कराने के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया। उन्होंने तकनीकी सत्र में अवैध अफीम उत्पाद तथा उसकी तस्करी पर विस्तृत व्याख्यान दिया। कार्यक्रम का संचालन नीलम गौड़ ने किया।