बीकानेर. वन विभाग की ओर से बुधवार को वेटरनरी विश्वविद्यालय में संभागस्तरीय वन्यजीव संख्या आकलन कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें संभागीय मुख्य वन संरक्षक महेन्द्रकुमार अग्रवाल ने वन्यजीव गणन को वन्यजीवों के प्रबंधन एवं सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक बताया।
उपवन संरक्षक (वन्यजीव) जयदीपसिंह राठौड़ ने कार्यक्रम का महत्व बताया। सेवानिवृत्त वन संरक्षक ने बीकानेर क्षेत्र में पाए जाने वाली वन्यजीवों की प्रजातियों के बारे में और वन्यजीव एवं पक्षियों को पहचान करने के तरीके बताए।
उपवन संरक्षक (वन्यजीव) जयदीपसिंह राठौड़ ने कार्यक्रम का महत्व बताया। सेवानिवृत्त वन संरक्षक ने बीकानेर क्षेत्र में पाए जाने वाली वन्यजीवों की प्रजातियों के बारे में और वन्यजीव एवं पक्षियों को पहचान करने के तरीके बताए।
मुख्य वक्ता डूंगर कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. प्रतापसिंह ने पावर प्वाइंट के जरिए वन्यजीवों की संख्या आकलन के लिए जरूरी बातों की जानकारी दी तथा संभाग में पाए जाने वाले वन्यजीवों,
पक्षियों एवं सरीसृपों को पहचानने के तरीके बताए। इस दौरान कार्यक्रम में अनिता, डॉ. तरुणा भाटी, डॉ. दिवाकर, डॉ. हेमन्त जोशी ने वन्यजीवों के रेस्क्यू एवं प्राथमिक उपचार के बारे में बताया।