बीकानेर. पति की लंबी उम्र की कामना तथा घर में सुख शांति के लिए सोलह दिनों से मनाया जा रहा धींगा गणगौर का मेला बुधवार को जूनागढ़ में भरा गया। इस दौरान गणगौर की खोल भराई की गई और पानी पिलाने की रस्म का निर्वाहन किया गया। गत दो सालों से कोरोना की वजह से धींगा गवर का मेला नहीं भरा जा रहा था। लेकिन अब सब-कुछ सामान्य होने के कारण इस बार मेला भरा गया।शहर के अनेक मोहल्लों से महिलाएं गणगौर के गीत गाती तथा डीजे व ढोल पर नृत्य करती हुई जूनागढ़ परिसर पहुंचीं। दोपहर तीन बजे से ही गणगौर का आना शुरू हो गया था जो शाम छह बजे तक जारी रहा। जूनागढ़ के आगे गीत-नृत्य के आयोजन हुए और बाद में श्रृंगार किए गणगौर को जूनागढ़ के अंदर मैदान में ले जाया गया। मैदान में अनेक लोगों की गणगौर को लाइन से बैठाया गया। यहां पर राज परिवार की तरफ से नारियल, मिठाई तथा कुछ धनराशि से खोल भराई की रस्म निभाई गई। जूनागढ़ के बाहर कई खान-पान के गाड़े खड़े थे, जिस पर महिलाओं तथा युवतियों ने खान-पान का आनन्द लिया। बारहमासी गणगौर मेले के दौरान गाड़ों को जूनागढ़ के अंदर जाने की स्वीकृति होती है लेकिन धींगा गणगौर में गाड़ों को बाहर ही खड़ा होना होता है। बुधवार के कारण जूनागढ़ में गणेश मंदिर के आगे भी दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ रही थी।
बीकानेर. पति की लंबी उम्र की कामना तथा घर में सुख शांति के लिए सोलह दिनों से मनाया जा रहा धींगा गणगौर का मेला बुधवार को जूनागढ़ में भरा गया। इस दौरान गणगौर की खोल भराई की गई और पानी पिलाने की रस्म का निर्वाहन किया गया। गत दो सालों से कोरोना की वजह से धींगा गवर का मेला नहीं भरा जा रहा था। लेकिन अब सब-कुछ सामान्य होने के कारण इस बार मेला भरा गया।शहर के अनेक मोहल्लों से महिलाएं गणगौर के गीत गाती तथा डीजे व ढोल पर नृत्य करती हुई जूनागढ़ परिसर पहुंचीं। दोपहर तीन बजे से ही गणगौर का आना शुरू हो गया था जो शाम छह बजे तक जारी रहा। जूनागढ़ के आगे गीत-नृत्य के आयोजन हुए और बाद में श्रृंगार किए गणगौर को जूनागढ़ के अंदर मैदान में ले जाया गया। मैदान में अनेक लोगों की गणगौर को लाइन से बैठाया गया। यहां पर राज परिवार की तरफ से नारियल, मिठाई तथा कुछ धनराशि से खोल भराई की रस्म निभाई गई। जूनागढ़ के बाहर कई खान-पान के गाड़े खड़े थे, जिस पर महिलाओं तथा युवतियों ने खान-पान का आनन्द लिया। बारहमासी गणगौर मेले के दौरान गाड़ों को जूनागढ़ के अंदर जाने की स्वीकृति होती है लेकिन धींगा गणगौर में गाड़ों को बाहर ही खड़ा होना होता है। बुधवार के कारण जूनागढ़ में गणेश मंदिर के आगे भी दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ रही थी।