बालिकाओं व महिलाओं ने सामुहिक रूप से मां गवरजा की पूजा-अर्चना कर गणगौर प्रतिमाओं के आगे गीत-नृत्य प्रस्तुत किए। पुरुषों की गायन मंडलियों ने विभिन्न स्थानों पर गणगौरी गीतों का गायन किया। बालिकाओं ने घर-मोहल्लों के नजदीकी पार्को, मंदिरों, बगेचीयों आदि में पहुंचकर गीत- नृत्य प्रस्तुत किए और पुष्प लेकर घर पहुंची। विभिन्न जातियों, मंदिरों और समाज की गणगौर प्रतिमाओं की खोळा भरने की रस्में हुई।
ढोकले का लगाया भोग
गणगौरी तीज पर घर-घर में बेसन, बाजरी व गेंहू से तैयार ढोकले, फोगले का रायता, ज्वारा और विभिन्न प्रकार की मिठाईयों का भोग मां गवरजा के अर्पित किया। ढोकले का प्रसाद महिलाओं ने ग्रहण किया। कई महिलाओं ने गणगौर व्रत-पूजन का उद्यापन किया। कन्याओं और महिलाओं को भोजन करवाया व दक्षिता भेंटकर आर्शीवाद प्राप्त किया। बालिकाओं ने विभिन्न प्रकार के फास्ट फूड, आईसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स, लस्सी सहित विविध खाद्य सामग्रियां गणगौर प्रतिमाओं के समक्ष अर्पित की।
कोरोना से बचाव का दिया संदेश
गणगौर पूजन उत्सव पर इस बार कोरोना महामारी का असर नजर आ रहा है। जस्सूसर गेट के बाहर मालियों का बास क्षेत्र में गणगौर पूजन उत्सव मनाया गया। काम्या गहलोत के अनुसार इस दौरान मां गवरजा की पूजा-अर्चना कर गणगौरी गीत गाए गए व नृत्य प्रस्तुत किए गए। मां गवरजा से कोरोना महामारी से मुक्त करने की भी प्रार्थना की गई। इस दौरान पोस्टर, बैनर आदि के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम, कोरोना टीकाकरण और मास्क लगाने व सोशल डिस्टेंस रखने का संदेश दिया गया। हिमानी, अंजली, लोकेश्वरी, ज्योति, दिव्यांशी, दिशा, ऐश्वरिया, ममता, सीमा, जशोदा, ममता, मनन, श्लोक, तनिष्क, तरूण, रिद्धी, सिद्धी, यशू व मौहल्ले की अन्य महिलाओं व बालक-बालिकाओ ने गणगौर के गीत और नृत्य प्रस्तुत किए। जयपुर रोड स्थित एक होटल के करणीमाता मंदिर परिसर में गणगौर पूजन उत्सव मनाया गया। सुनील रामपुरिया व अंजु रामपुरिया के सानिध्य में हुए आयोजन में बालिकाओं व महिलाओं ने गणगौर के गीत व नृत्य प्रस्तुत किए।