ग्रेटर फ्लेमिंगो बीकानेर में लूणकरनसर व गजनेर के आस-पास के पानी के तालाबों में कई सालों से आ रहे हैं, लेकिन टैग लगे वाले पक्षी पहली बार दिखाई दिए हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि यह पक्षियों में सबसे बड़ा पक्षी है। इन दिनों इनकी संख्या ४० से ५० तक पहुंच गई है। ये फ्लेमिंगो इजराइल, कुवैत, यूएई, यूरोप आदि जगह से आते हैं।
ग्रेटर फ्लेमिंगो ज्यादातर अपने परिवार के साथ रहते हैं। यह तीन से चार फुट तक लम्बा होता है। आमतौर पर एक बार में एक ही अंडा देते हैं। ग्रेटर फ्लेमिंगो का मुंह लाल व गुलाबी रंग होता है। फ्लेमिंगो के पैर सबसे लम्बे होते हैं।
बीकानेर के आसपास के क्षेत्रों में टैग लगे हुए ग्रेटर फ्लेमिंगो पाए गए है। कई बार जलीय पदार्थों के खाने से इनकी मौत हो जाती है। इसकी जांच करने व प्रवास का रूट देखने के लिए मुंबई के वैज्ञानिकों ने यह टैग लगाया है।
डॉ. दाउलाल बोहरा, पक्षी विशेषज्ञ