सूअरों के आतंक से बचने की तकनीक की चपेट में आ रहे पशु
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि प्रथमदृष्टया पता चला है कि आरडी 860 में पिछले काफी समय से जंगली सूअरों का आतंक है। जंगली सूअर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सूअरों से बचने के लिए ग्र्रामीण पोटाश को धान के पिंडलियों में मिलाकर खेतों में रख रहे हैं। इन पिंडलियों को खेतों में चरने वाले पशु खाने से चपेट में आ रहे हैं। पशुओं को जान बूझ कर कोई बारूद खिला रहा है, ऐसा प्रथमदृष्टया लग नहीं रहा है।
15 दिन में दूसरी घटना
गौरतलब है कि पखवाड़े भर में पशु के मुंह में बारूद से ब्लास्ट का दूसरा मामला सामने आया है। घटना के विरोध में जीव प्रेमियों में आक्रोश पनप गया। जीव प्रेमियों के साथ बज्जू की प्रधान पप्पू देवी तेतरवाल धरने पर बैठ गई। प्रधान ने कहा जब तक गोमाता को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक धरना जारी रहेगा। ग्रामीण सांड के शव को लेकर सड़क पर बैठ गए और जाम लगा दिया। पुलिस अधिकारियों ने समझाइश कर बमुश्किल जाम खुलवाया। इस संबंध में देरशाम तक जनप्रतिनिधियों से पुलिस प्रशासन की वार्ता चल रही थी।