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कर्मचारियों की हड़ताल से उकता स्वास्थ्य विभाग, अटके करोड़ों

locationबीकानेरPublished: May 11, 2018 12:09:21 pm

Submitted by:

dinesh kumar swami

प्रबंधकीय कर्मचारियों के तीन माह से हड़ताल पर होने से करीब सवा दो करोड़ रुपए का भुगतान अटका हुआ है।

health Department

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बीकानेर . स्वास्थ्य विभाग में सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लेखा-जोखा रखने वाले प्रबंधकीय कर्मचारियों के तीन माह से हड़ताल पर होने से करीब सवा दो करोड़ रुपए का भुगतान अटका हुआ है। साथ ही विभाग की कार्य व्यवस्था भी लडख़ड़ा गई है।
हालत यह है कि अब विभाग कर्मचारियों की हड़ताल से उकता गया है। सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग चाहता है कि सरकार या तो प्रबंधकीय कर्मचारियों की हड़ताल तुड़वाए अन्यथा जन कल्याणकारी योजनाओं के सफल संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करे। सरकार और हड़ताली कर्मचारियों में ठनने से परेशानी आमजन को उठानी पड़ रही है।
राजश्री में अटका यह भुगतान
राज्य सरकार ने बेटी बचाओ अभियान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जून-२०१६ में राजश्री योजना शुरू की। योजना के तहत बालिका को पांच-सात किस्तों में करीब ५०,००० रुपए का भुगतान किया जाता है। इसमें बालिका के जन्म के एक साल बाद २५०० रुपए दिए जाते है। योजना शुरू होने के एक साल बाद ही कर्मचारियों की हड़ताल हो गई। ऐसे में बीकानेर जिले में कुल ६८२४ बालिकाओं के लिए दूसरी किस्त का एक करोड़ ७० लाख ६० हजार रुपए का भुगतान अटका हुआ है।
जननी सुरक्षा
जननी सुरक्षा योजना के तहत बच्चे के जन्म पर ग्रामीण क्षेत्र की प्रसूता को १४०० और शहरी क्षेत्र की प्रसूताओं का १००० रुपए दिए जाते हैं। प्रबंधकीय कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान मार्च व अप्रेल में ६१६५ प्रसव हुए, जिसमें से ४५३१ को भुगतान नहीं हो पाया है। ऐसे में इन प्रसूताओं का ६३ लाख रुपए का भुगतान बकाया है।
आशाओं की हालत खस्ता
जिलेभर में १०४२ आशा सहयोगिनी कार्यरत हैं। मार्च में ७७२ आशाओं को १७ लाख १५ हजार ८२० रुपए का भुगतान किया गया, जबकि २७० को भुगतान नहीं हो सका। अप्रेल का ७९३ आशा को २० लाख २७ हजार २०० रुपए का भुगतान होना है, जबकि २४९ आशाओं को भुगतान नहीं हो सकेगा। विडम्बना की बात है कि अप्रेल का १५ संस्थानों में एक भी आशा को भुगतान नहीं हो सकेगा।
सरकार की बेरुखी, कर्मचारियों में रोष
राजस्थान प्रबंधकीय कर्मचारी समस्या समाधान समिति के बैनर तले प्रदेशभर के स्वास्थ्य विभाग के प्रबंधकीय कर्मचारी २२ फरवरी से हड़ताल पर हैं। बीकानेर जिले में कर्मचारी १० मार्च से हड़ताल पर हैं। प्रदेशभर में करीब ३४०० से अधिक प्रबंधकीय कर्मचारी हैं। बीकानेर जिले में १०८ कर्मचारी हैं। सरकार इनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। सरकार न तो इनकी मांगें मान रही और ना ही इन्हें सेवा से हटा रही है। सरकार की बेरुखी से कर्मचारियों में रोष है। कर्मचारी अब आरपार की लड़ाई के मूड में है।
चला रहे काम
&शहरी क्षेत्र में संविदा पर १३ लेखाकार कार्यरत हैं, जिनसे काम चलाया जा रहा है। अब नई व्यवस्था कर रहे हैं। इन १३ लेखाकारों को ४-४ पीएचसी व सीएचसी के भुगतान की जिम्मेदारी दी जाएगी। वैकल्पिक व्यवस्था से काम बाधित हो रहा है। प्रबंधकीय कर्मचारियों की हड़ताल का मसला सरकार स्तर पर हल होना है।
डॉ. देवेन्द्र चौधरी, सीएमएचओ

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