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दो साल में भी पूरी नहीं हुई दो माह की प्रक्रिया, भुगतान के लिए भटक रहे मृतक आश्रित

locationबीकानेरPublished: Apr 24, 2018 09:32:51 am

नहीं मिल रहा विशेष परिस्थिति में अनुग्रह अनुदान

health Department
बीकानेर-कोलायत रोड पर करीब दो साल पूर्व हुई एक सड़क दुर्घटना के तीन मृतक आश्रित परिवारजन दो साल बाद भी भुगतान के लिए चक्कर निकाल रहे हैं। सरकारी ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाने पर मिलने वाले ‘विशेष परिस्थितियों में अनुग्रह अनुदान’ के लिए कई बार जयपुर चक्कर निकालने के बाद भी मृतक आश्रित महज स्वास्थ्य विभाग के चक्कर निकालने के सिवाय कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
मृतक एएनएम संतोष पारीक के परिवारजनों की ओर से एक वर्ष की अवधि में अनुदान भुगतान के लिए आवेदन करने, तीन बार फाइलें निदेशालय भेजने, सम्पर्क पोर्टल में शिकायत करने के बाद भी भुगतान नहीं हो रहा है। जबकि दो अन्य कर्मचारियों के आवेदनों पर सहानुभूति और शिथिलता के लिए जयपुर लिखने के लिए स्थानीय अधिकारियों को समय नहीं मिल पाया है।
निकाल रहे चक्कर
विभाग के अनुसार सड़क दुर्घटना में जिन पांच कार्मिकों की मृत्यु हुई उनके परिवारजनों को प्रभावशील राजस्थान सिविल सेवाएं (पेंशन) नियम 1906 के नियम 75 के अधीन स्वीकार्य विशेष अनुग्रह अनुदान का भुगतान होना है। इनमें दोनों चिकित्सकों के परिवारजनों को भुगतान हो गया है जबकि एएनएम संतोष पारीक, सहायक कर्मचारी मनसुख और ड्राइवर हंसराज के परिवारजनों को भुगतान नहीं हो पाया है।
पांच कार्मिकों की हुई थी मृत्यु
परिवार कल्याण नसबंदी शिविर में जाते समय 18 जून 2016 को बीकानेर-कोलायत मार्ग पर हुई एक सड़क दुर्घटना में दो चिकित्सकों सहित स्वास्थ्य विभाग के पांच कार्मिकों की मृत्यु हो गई थी। इनमें एक एएनएम, सहायक कर्मचारी और ड्राईवर था।
जयपुर स्तर का मामला
&संबंधित डीडीओ की ओर से क्लेम आवेदन निदेशालय भेजे जा चुके हैं। जयपुर स्तर से ही अनुदान का भुगतान होना है। दो चिकित्सकों के परिवारजनों को यह अनुदान मिल चुका है। शेष तीन कार्मिकों को भी शीघ्र अनुदान मिले इसके लिए फिर निदेशालय पत्र भेजा जाएगा। मृतक आश्रितों को नियुक्ति सहित और अन्य भुगतान हो चुके हंै।
डॉ. देवेन्द्र चौधरी, सीएमएचओ, बीकानेर
भेज चुके हैं क्लेम
परिवार कल्याण विभाग की ओर से दोनों कार्मिकों के अनुदान भुगतान के लिए क्लेम जयपुर भेज चुके हंै। आपत्ति लगने पर शिथिलन के लिए भी पुन: पत्र लिखा जा चुका है। व्यक्तिगत स्तर पर निदेशालय में कई बार सम्पर्क कर आवेदनों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर अनुदान का आग्रह किया जा चुका है।
अनिल आचार्य, सहायक लेखाधिकारी, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (परिवार कल्याण) बीकानेर।
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