बीकानेर

इम्युनिटी के लिए घी और शहद खिलाएं, बीमारियों से बचे रहेंगे

बारिश के मौसम में संक्रमण तेज होने से बीमारियां भी बढ़ती हैं। बच्चों को कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं।

बीकानेरJul 20, 2018 / 12:46 pm

dinesh kumar swami

बारिश के मौसम में संक्रमण तेज होने से बीमारियां भी बढ़ती हैं। बच्चों को कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। इस मौसम में प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में बैक्टीरिया, वायरस और फंगल इन्फेक्शन, निमोनिया, एलर्जी, आंखों में कंजंक्टिवाइटिस (आंखें आना), डायरिया, दस्त, पीलिया, वायरल फीवर, टायफाइड, सर्दी-खांसी जैसी बीमारियां हो सकती हैं। पीलिया और टायफायड से बच्चे ज्यादा प्रभावित होते हैं। बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए घी और शहद खिलाएं। पत्रिका टीवी के हैलो डॉक्टर शो में विशेषज्ञों के साथ हुई चर्चा के मुख्य अंश।
 

 

भुना जीरा, घी व हींग से उल्टी में आराम मिलेगा: 6 माह तक के बच्चों को उल्टी, डायरिया होने पर भुना जीरा, घी और हींग पाउडर का मिश्रण लेकर आधा चम्मच दूध के साथ दो से तीन बार पिलाएं, आराम मिलेगा। सौंठ, अदरक डालकर दूध उबालकर बच्चे को पिलाएं।
त्रिकुट, दालचीनी खिलाएं : बड़े बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता और पाचन सही रखने के लिए त्रिकटु, दालचीनी खाने में मिलाकर सुबह-शाम दें। इससे बच्चे स्वस्थ्य रहेंगे। बच्चे को कोई दिक्कत है तो अपनी मर्जी से इलाज न करें, चिकित्सक से परामर्श लें।
 

 

बढ़ाएं प्रतिरोधक क्षमता
खांसी-जुकाम होने पर पानी में सेंधा नमक मिलाकर रुई से बंद नाक साफ करें। इसको खुला रखने के लिए नीलगिरि के तेल से छाती और गले के आसपास मालिश करें। आराम मिलेगा।
 


सरसों का तेल न लगाएं
मच्छरों से बचाव के लिए नीम के तेल का घर में स्प्रे करें। मानसून में सरसों का तेल लगाने से त्वचा संबंधी समस्या हो सकती है। बच्चों की नारियल और तिल के तेल से मालिश करें।
 

अपच में सौंफ से आराम
सौंफ या पुदीने का अर्क मिलाकर देने से उल्टी में आराम मिलेगा। अपच में सौंफ का पानी दें। डायरिया में उम्र और लक्षण के अनुसार हर एक घंटे में जायफल घिसकर और छाछ के साथ ईसबगोल व खिचड़ी के साथ दें।
डॉ. प्रीति शर्मा
शिशु रोग विशेषज्ञ
जयपुर

 

डॉ. राकेश नागर
आयुर्वेद विशेषज्ञ
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान
जयपुर
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