यह बात बुधवार को तेरापंथ भवन मेंहृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. बिमल छाजेड़ ने कही। डॉ. छाजेड़ बुधवार को हृदय रोग से संबंधित गोष्ठी में शामिल होने बीकानेर पहुंचे थे। छाजेड़ ने कहा कि संयमित दिनचर्या से सैंकड़ों बीमारियों को आने से रोका जा सकता है, वहीं दर्जनों बीमारियों को ठीक भी किया जा सकता है। उसमेंहृदय रोग जैसी गंभीर बीमारी भी शामिल है। छाजेड़ ने कहा कि मेडिकल साइंस में बीमारी को जड़ से खतम करने की कोई दवाई नहीं है। इसी कारण से आज पूरे विश्व मेंहृदय रोगियों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है।
सोने के समय खाना नुकसानदायक
डॉ. छाजेड़ ने दिल को स्वस्थ रखने के बारे में बताते हुए कहा कि लोग ताजमहल के बारे में जरूर जानते हैं, लेकिन हार्ट अटैक के मूल कारण क्या है यह कोई नहीं जानता। व्यस्त दिनचर्या के चलते अधिकतर लोग आहार पर ध्यान नहीं देते। सोने के समय खाना खा रहे हैं और खाने के समय सोने का काम कर रहे हैं।
बाइपास सर्जरी उपचार नहीं
एक सवाल के जवाब में डॉ. छाजेड़ ने कहा कि बाइपास सर्जरी हार्ट अटैक का पक्का इलाज नहीं है। हृदय रोग से ग्रसित व्यक्ति मेडिकल साइंस पर निर्भर हो जाता है, जबकि यह सही नहीं है। हां १४० से अधिक ब्लड प्रेशर होने के बाद दवाई जरूर खाएं, लेकिन उसी पर निर्भर नहीं रहें। उन्होंने बताया कि कोई व्यक्ति संयमित जीवन और खान-पान के साथ उचित व्यायाम करें तो हार्ट अटैक जैसी भयावह बीमारी से बचा जा सकता है।
1995 में शुरू की संस्था हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. बिमल छाजेड़ ने बताया कि उन्होंने 1995 में साओल नाम से एक संस्था बनाई। जिसमें लोगों को हार्ट अटैक से बचाने के बारे में बताते हैं। इस संस्था से आज तक लगातार करीब 2.50 लाख लोगों को इस भयावह बीमारी से छूटकारा दिला चुके हैं। डॉ. छाजेड़ ने कहा कि हार्ट पूरे शरीर को रक्त देने का कार्य करता है। बदले में तीन ट्यूब लेता है। वो ट्यूब 70 प्रतिशत ब्लॉक हो जाए तभी लोगों को हृदय की बीमारी होती है। 70 प्रतिशत ब्लॉकेज को रोकने के लिए हमें संयमित जीवन व कॉलेस्ट्रॉल को शरीर में बढऩे से रोककर हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। उन्होंने जीरो ऑयल सब्जी बनाने के तरीके भी बताए।
कार्यक्रम के शुरुआत मुनिश्री शान्ति कुमार ने नमस्कार महामंत्र के साथ की। इस अवसर पर डॉ. अर्जुन सिंह चौहान, मधु चौहान, सुनील कंस्वा, पूर्व महापौर नारायण चौपड़ा, जैन लूणकरण छाजेड़, अरमचन्द सोनी, जतन संचेती, तेरापंथ महिला मण्डल बीकानेर की शान्ता भूरा आदि उपस्थित थे।