डेढ़ माह इंतजार के बाद आखिर मानसून गुरुवार को मेहरबान हुआ। करीब डेढ़ घंटे तक हुई बारिश से झुलसाने वाली गर्मी की तपिश कम हुई। शहर में करीब 42.7 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारिश से जहां एक ओर लोगों ने राहत की सांस ली, वहीं जिला प्रशासन की अनेदखी के चलते उन्हें परेशानी का सामना भी करना पड़ा।
शहर के निचले इलाकों यहां तक कि राजमार्ग भी पानी से लबालब हो गया। यहां गजनेर रोड और जूनागढ़ सहित गिन्नाणी क्षेत्र में घंटों तक पानी भरा रहा। सड़कों पर घुटनों तक भरे पानी के कारण घंटों तक वाहनों को रेंगते देखा गया। लोग डिवाइडर का सहारा लेकर वाहनों को निकालते नजर आए।
बंगलानगर, जूनागढ़ के समक्ष सूरसागर के पास, पुरानी गिन्नाणी, पुलिस लाइन चौराहे से ओवरब्रिज रोड सहित अनेक मुख्य मार्गो पर सीवरेज तथा नालों के जाम होने व गंदगी के कारण सड़कों पर पानी जमा रहा। तेज बारिश के कारण कॉलोनी क्षेत्रों, गंगाशहर, भीनासर के विभिन्न स्थानों पर पानी की निकासी नहीं होने से पानी एकत्रित रहा।
गजनेर रोड पर एम्बुलेंस को भी करीब आधे घंटे तक रास्ता खुलने का इंतजार करना पड़ा। हालांकि एम्बुलेंस को निकालने के लिए जागरूक लोगों ने उसे रास्ता दिया।
तेज हवाओं के साथ हुई बारिश के दौरान शहर में पेड़ तथा शाखाएं टूटकर गिर गए। वहीं अनेक स्थानों पर छप्पर, खपरेल, दुकानों के आगे लगे टीन शेड को नुकसान पहुंचा।
निगम सफाई कर्मचारियों ने सूरसागर के पास सीवरेज चैम्बर पर बनी जाली से करीब दो ट्रैक्टर ट्रॉली पॉलीथिन थैलियों व कचरे को हटाया।
कई दिनों से पड़ रही गर्मी तथा उमस के बाद गुरुवार शाम को हुई बारिश ने नगर निगम की सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी। अनेक स्थानों पर सिवरेज जाम, नाले-नालियों के अवरुद्ध होने व गंदगी से अटे होने के कारण बारिश का पानी घण्टों सड़कों पर जमा रहा। बारिश को लेकर नगर निगम के पुख्ता व्यवस्थाओं के प्रबंध नजर नहीं आए।
गुरुवार शाम को हुई बारिश के दौरान राजीव नगर में सुखदेव राम बिश्नोई का मकान ढह गया। मकान के अण्डर ग्राउण्ड में पानी भर जाने से मकान ढह गया। समय रहते घर में रहने वाले लोगों के बाहर आ जाने से बड़ा हादसा टल गया।