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अरे! अबार बारी हिली, धरती धूजी, पंखो भी हिल्यो…

locationबीकानेरPublished: Oct 14, 2019 12:08:58 pm

Submitted by:

Nikhil swami

अरे! यार अबार बारी हिली, धरती धूजी, थारे घरे भी होयो क्या? हां, अबार म्हारे घरे भी पंखो हिल्यो थो, पर ओ भूकंप या कई ओर? रविवार सुबह साढ़े दस बजे शहर में लोगों में कुछ इस तरह का कौतूहल रहा। बीकानेर में पहली बार आए भूकंप से एकबारगी शहरवासी सहम गए।

अरे! अबार बारी हिली, धरती धूजी, पंखो भी हिल्यो...

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बीकानेर. अरे! यार अबार बारी हिली, धरती धूजी, थारे घरे भी होयो क्या? हां, अबार म्हारे घरे भी पंखो हिल्यो थो, पर ओ भूकंप या कई ओर? रविवार सुबह साढ़े दस बजे शहर में लोगों में कुछ इस तरह का कौतूहल रहा। बीकानेर में पहली बार आए भूकंप से एकबारगी शहरवासी सहम गए।
शहर व आस-पास के क्षेत्रों में तीन सैकंड तक झटके महसूस किए गए। तभी घरों में फोन की घंटी बजनी शुरू हो गए। हर कोई पड़ोस, रिश्तेदारों और मित्रों से भूकंप के बारे में पूछता नजर आया। हर कोई एक-दूसरे से यही सवाल करता नजर आया कि क्या थारे भी भूकंप आयो क्या?

बीकानेर और इसकी करीब ढाई सौ किलोमीटर परिधि में सुबह १०.३६ बजे भूकम्प के झटके महसूस किए गए। इस दौरान शहर में कई लोगों के घरों की खिड़कियां, दरवाजे, पंखे, पलंग हिलते लिख तो किसी को छत में कंपन महसूस हुआ। कंपन महसूस होते ही लोग घरों से बाहर आ गए। करीब आधे घंटे तक लोग सड़कों पर ही रहे। भूकंप से कई मकानों में दरारें भी आ गई, लेकिन जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है।

दिनभर रही चर्चा
शहर में भूकंप की दिनभर चर्चा रही। शहरवासी कई कार्यालयों, पुलिस अथवा समाचार पत्र के कार्यालयों में फोन कर भूकंप की जानकारी लेते नजर आए। सोशल मीडिया पर भी वायरल होता रहा कि भूकम्प के और झटके आ सकते हैं।
शहर से १० किमी
दूर था केन्द्र
मौसम विभाग के अनुसार पहली बार भूकम्प का केन्द्र बीकानेर से १० किलोमीटर पूर्व में १० किमी जमीन के नीचे रहा। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता ४.५ रही। भूकम्प का असर जयपुर तक तथा पाकिस्तान के बहावलपुर क्षेत्र तक रहा। बीकानेर के पास जयमलसर में भी झटके महसूस किए गए।
चट्टानों के विस्थापन से भूकंप संभव
राजकीय डूंगर महाविद्यालय के भूगर्भशास्त्र के व्याख्याता डॉ. सतीश कौशिक व डॉ. शिशिर शर्मा ने बताया कि बीकानेर में पहली बार भूकंप का अधिकेन्द्र होना क्षेत्र की भूगर्भीय हलचल के संकेत देता है। इस भूकंप का फोकस दस किलोमीटर की गहराई पर माना गया है, जो उथले भूकंप को बताता है।
इस क्षेत्र में ५ से १० मीटर मोटी मिट्टी की परत है। इसके नीचे क्वाटरनरी चट्टानें (न्यूतन चट्टानें) पाई जाती हैं। बीकानेर से निकली विलुप्त सरस्वती नदी का प्रवाह क्षेत्र या इसके निकट से गुजरने वाले लिनियामेंट में विवर्तनिकी हलचल ही प्राथमिक तौर पर इसका कारण हो सकता है।
भू वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस क्षेत्र में माइनर लीनियामेंट भी मिलते है, जो चट्टानों में भ्रंश (फॉल्ट) का कारण बनते हैं। इन भ्रंशों से चट्टानों के विस्थापन से भूकंप आते हैं। बीकानेर में भूकंप का अधिकेन्द्र होना नियो टेक्टोनिक गतिविधियों के सक्रिय होने का संकेत है। इस क्षेत्र में गहन शोध की आवश्यकता है।
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