नवली गेट फाटक। उम्र के इस पड़ाव के लोग तेज गर्मी में घर से बाहर निकलने का सोचते भी नहीं। लेकिन परिवार का पेट भरने के लिए एक बुजुर्ग ४० डिग्री तापमान में भी हाथ गाडा खींचकर मजदूरी करता है।
नोखा में धूप से बचाव के लिए मां के आंचल से लिपटा मासूम।
बागड़ी अस्पताल के पीछे की गली। यहां रूपाराम लुहार रोड़ पर खुले आसमां के नीचे चादर तानकर तपिश भरी गर्मी में धौंकनी में धधकते अंगारों के सामने रोज बैठते हैं। ये अंगारों में लोहे को गर्म कर उसे नया आकार देकर औजार बनाते हैं। यह काम दिनभर चलता है। परिवार का पेट भरने के लिए गर्मी कितनी है, यह उन्हें पता ही नहीं चलता है।