वहीं रेलवे न्यायालय ने 50 लोगों को दण्डित किया। आईपीसी एक्ट के तहत 81 मामले दर्ज किए गए थे, इसमें 34 प्रकरणों में आरोपितों को पता नहीं चला। चार मामले अलग थाना क्षेत्रों के थे और 42 मामलों में चालान पेश किया गया। तीन प्रकरण हनुमानगढ़ के हैं, जिनमें पुलिस अनुसंधान चल रहा है।
दुर्घटनाओं के १२६ प्रकरण
ट्रेन की चपेट में आने या ट्रेन से गिरने से हुई दुर्घटनाओं में साल 2017 में कमी आई। जीआरपी के आंकड़ों के अनुसार 2016 में 126 मर्ग दर्ज हुए, वहीं साल 2017 में 102 मर्ग ही दर्ज हुए।
ट्रेन की चपेट में आने या ट्रेन से गिरने से हुई दुर्घटनाओं में साल 2017 में कमी आई। जीआरपी के आंकड़ों के अनुसार 2016 में 126 मर्ग दर्ज हुए, वहीं साल 2017 में 102 मर्ग ही दर्ज हुए।
महज एक लंबित
सालभर में प्रकरणों का निस्तारण भी हुआ है। जीआरपी के बीकानेर वृत्त में दर्ज 146 मामलों में एक अपहरण का प्रकरण ही लंबित है। इसके अलावा कोई मामला बकाया नहीं है।
सालभर में प्रकरणों का निस्तारण भी हुआ है। जीआरपी के बीकानेर वृत्त में दर्ज 146 मामलों में एक अपहरण का प्रकरण ही लंबित है। इसके अलावा कोई मामला बकाया नहीं है।
इस तरह के मामले
जीआरपी के अधीन बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, सादुलपुर, रतनगढ़ थाने आते हैं। साथ ही लालगढ़, चूरू, स्वरूपदेसर, सूरतगढ़ चार चौकियां है। इनमें 31 दिसंबर तक दर्ज प्रकरणों में मुख्य पर लूट के तीन, हत्या के प्रयास का एक, वाहन चोरी के चार, जेबतराशी दो, अन्य चोरियां 46, सरकारी कर्मचारी पर हमले के तीन, जहरखुरानी के तीन,
जीआरपी के अधीन बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, सादुलपुर, रतनगढ़ थाने आते हैं। साथ ही लालगढ़, चूरू, स्वरूपदेसर, सूरतगढ़ चार चौकियां है। इनमें 31 दिसंबर तक दर्ज प्रकरणों में मुख्य पर लूट के तीन, हत्या के प्रयास का एक, वाहन चोरी के चार, जेबतराशी दो, अन्य चोरियां 46, सरकारी कर्मचारी पर हमले के तीन, जहरखुरानी के तीन,
महिला से छेड़छाड़ के दो, अपहरण के तीन, भारतीय दंड अधिनियम के तहत 14 मामले दर्ज हुए। इसके अलावा विभिन्न एक्ट के 65 प्रकरण दर्ज किए गए। इसमें आम्र्स एक्ट के पांच, जुआ 23, आबकारी के तीन, पॉक्सो का एक, एनडीपीएस (डोडा पोस्त) के पांच, रेल अधिनियम का एक, अन्य 27 मामले दर्ज किए गए।
मुस्तैदी से कर रहे कार्य
जीआरपी के अधीन क्षेत्रों में जीआरपी मुस्तैदी से कार्य कर रही है। साथ ही स्टेशनों पर, ट्रेन के अंदर आरपीएफ व जीआरपी तालमेल के साथ गश्त कर रहे हैं।
हजारीराम चौहान, पुलिस उप अधीक्षक, जीआरपी
जीआरपी के अधीन क्षेत्रों में जीआरपी मुस्तैदी से कार्य कर रही है। साथ ही स्टेशनों पर, ट्रेन के अंदर आरपीएफ व जीआरपी तालमेल के साथ गश्त कर रहे हैं।
हजारीराम चौहान, पुलिस उप अधीक्षक, जीआरपी