अटैच की गई करोड़ों रुपए की जमीनों को आयकर विभाग ने प्रथम दृष्टया बेनामी संपत्ति माना है। फिलहाल अटैच की गई जमीनों के कागजी और असली मालिकों की जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही जमीनों का बाजार मूल्य और उनकी खरीद के स्रोत को
ध्यान में रखकर जांच शुरू की गई है।
विभागीय सूत्रों की मानें तो जांच में कई अन्य बेनामी संपत्तिदारों का खुलासा भी हो सकता है। उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा के अधिकारियों की टीम ने बीकानेर के एक प्रॉपर्टी कारोबारी की संपत्ति को बेनामी मानते हुए उन्हें अटैच करने की कार्रवाई की थी। मालिक अब जांच पूरी होने तक प्रॉपर्टी को बेच नहीं पाएगा।
नोटबंदी के बाद खुली पोल
बेनामी संपत्तियों का खुलासा नोटबंदी के बाद ही हुआ है। ८ नवम्बर २०१६ के बाद प्रभावी नोटबंदी पर बैंकों में जमा हुए धन की जांच के बाद ही बेनामी संपत्तिदारों तक विभाग के अधिकारी पहुंच पाए हैं। आयकर विभाग की जांच में सामने आया कि जिन प्रॉपर्टी को अटैच किया गया है,
उनका असली मालिक कोई और है। दूसरों के बैंक खातों में रुपए डालकर कृषि भूमि को खरीदा गया है। बताया जाता है कि आयकर विभाग की नजरों में एेसी सैकड़ों जमीनें हैं, जिनके असली खरीदार और कागजी मालिक अलग हैं।
सफेदपोश भी होंगे बेनकाब
सूत्रों की मानें तो काले धन को ठिकाने लगाने के लिए बड़े प्रॉपर्टी डीलरों के साथ सफेदपोश नेताओं ने भी जुगाड़ बिठाया था। जांच में शहर के कुछ सफेदपोश नेताओं की पोल भी खुल सकती है। हालांकि कार्रवाई होने के बाद सफेदपोश और प्रॉपर्टी कारोबारियों में खलबली मची हुई है।