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जश्ने आजादी: भूख-प्यास की चिंता ना मौत का भय, आजादी के आंदोलन के संस्मरण स्वतंत्रता सेनानी की जुबानी

locationबीकानेरPublished: Aug 15, 2018 07:59:27 am

Submitted by:

dinesh kumar swami

महीनों तक घर-परिवार से दूर, भूख-प्यास की चिंता ना मौत का भय, बस एक ही सपना था देश की आजादी। बहुत डराया और धमकाया, मारपीट की, यातनाएं भी दी गई, लेकिन न झुके और ना ही माफी मांगी।

independence day special

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बीकानेर. महीनों तक घर-परिवार से दूर, भूख-प्यास की चिंता ना मौत का भय, बस एक ही सपना था देश की आजादी। बहुत डराया और धमकाया, मारपीट की, यातनाएं भी दी गई, लेकिन न झुके और ना ही माफी मांगी। पुलिस की हम पर हर पल नजर रहती, साये की तरह साथ रहती, सहयोग की बात तो दूर पुलिस के डर से लोग इतने भयभीत थे कि हमसे बात करने से भी कतराते थे। यह कहना है प्रदेश के उन स्वतंत्रता सेनानियों का जिन्होंने देश की आजादी के आन्दोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और जेल में यातनाएं सही।
इसके बाद भी वे आखिर देश को आजाद करवाकर ही रहे। स्वतंत्रता सेनानियों के बताए गए आजादी के आन्दोलन के संस्मरण हर किसी में जोश भर देते हैं। साथ ही इन आजादी के दीवानों ने उठाए कष्ट और सहे जुल्म सुनते ही आंखें भर उठती हैं, वहीं इनकी वीरता और देशभक्ति से मन में नई उर्जा का संचार भी होता है। बीकानेर अभिलेखागार में प्रदेश के २४६ स्वतंत्रता सेनानियों के आजादी के आन्दोलन से जुडे़ संस्मरण उनकी ही जुबान में रिकॉर्ड कर सुरक्षित रखे गए हैं।
ऑनलाइन है संस्मरण
अभिलेखागार विभाग के निदेशक महेन्द्र खडग़ावत ने बताया कि विभाग की ओर से रिकॉर्ड गए स्वतंत्रता सेनानियों के संस्मरण ऑनलाइन हैं। कोई भी व्यक्ति इनको सुन सकता है। वहीं स्वतंत्रता सेनानियों से ऑडियो में रिकॉर्ड संस्मरण लिपिबद्ध भी हैं। विभाग ने संभागवार स्वतंत्रता सेनानियों की ओर से बताए गए संस्मरणों को पुस्तक रूप में भी प्रकाशित किया है। विभाग ने सालों की मेहनत से स्वतंत्रता सेनानियों के संस्मरण रिकॉर्ड किए, जो आज देश की धरोहर है।
अभिलेखागार में मौजूद
स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सब कुछ दांव पर लगाकर देश को आजाद करवाया। निदेशक खडग़ावत ने बताया कि इनमें बीकानेर के स्वतंत्रता सेनानी रामनारायण शर्मा, चम्पालाल उपाध्याय, सुरेन्द्र कुमार शर्मा, चिरंजी लाल सुनार, रावतमल कोचर, बच्छराज सूंगा, छोटूलाल व्यास, हीरालाल शर्मा, गंगादत्त रंगा, जीवन लाल डागा, दाऊदयाल आचार्य, मूलचन्द पारीक, रावतमल पारीक, कुंभाराम आर्य, रामचन्द्र जैन, सत्यनारायण पारीक, गंगादास कौशिक आदि के संस्मरण उनकी ही जुबान में अभिलेगार में उपलब्ध है।
फोटो पर हाथ रखते ही सुनाई देगी आवाज
बीकानेर अभिलेखागार में अब स्वतंत्रता सेनानियों के फोटो पर हाथ रखते ही उनके आजादी के आन्दोलन से जुडे़ संस्मरण उनकी ही जुबान में सुनाई देंगे। अभिलेखागार विभाग में तैयार हो रहे देश के पहले अभिलेख म्यूजियम की स्वतंत्रता सेनानी दीर्घा में फोटो के साथ ऑडियो क्लिप भी होगी। निदेशक के अनुसार आमजन, पर्यटकों और शोधार्थियों के लिए यह आकर्षण का केन्द्र रहेगी। इस दीर्घा में करीब ढाई सौ स्वतंत्रता सेनानियों के फोटो लगाए जाएंगे। इसकी तैयारी चल रही है।

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