अभिलेखागार विभाग के निदेशक महेन्द्र खडग़ावत ने बताया कि विभाग की ओर से रिकॉर्ड गए स्वतंत्रता सेनानियों के संस्मरण ऑनलाइन हैं। कोई भी व्यक्ति इनको सुन सकता है। वहीं स्वतंत्रता सेनानियों से ऑडियो में रिकॉर्ड संस्मरण लिपिबद्ध भी हैं। विभाग ने संभागवार स्वतंत्रता सेनानियों की ओर से बताए गए संस्मरणों को पुस्तक रूप में भी प्रकाशित किया है। विभाग ने सालों की मेहनत से स्वतंत्रता सेनानियों के संस्मरण रिकॉर्ड किए, जो आज देश की धरोहर है।
स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सब कुछ दांव पर लगाकर देश को आजाद करवाया। निदेशक खडग़ावत ने बताया कि इनमें बीकानेर के स्वतंत्रता सेनानी रामनारायण शर्मा, चम्पालाल उपाध्याय, सुरेन्द्र कुमार शर्मा, चिरंजी लाल सुनार, रावतमल कोचर, बच्छराज सूंगा, छोटूलाल व्यास, हीरालाल शर्मा, गंगादत्त रंगा, जीवन लाल डागा, दाऊदयाल आचार्य, मूलचन्द पारीक, रावतमल पारीक, कुंभाराम आर्य, रामचन्द्र जैन, सत्यनारायण पारीक, गंगादास कौशिक आदि के संस्मरण उनकी ही जुबान में अभिलेगार में उपलब्ध है।
बीकानेर अभिलेखागार में अब स्वतंत्रता सेनानियों के फोटो पर हाथ रखते ही उनके आजादी के आन्दोलन से जुडे़ संस्मरण उनकी ही जुबान में सुनाई देंगे। अभिलेखागार विभाग में तैयार हो रहे देश के पहले अभिलेख म्यूजियम की स्वतंत्रता सेनानी दीर्घा में फोटो के साथ ऑडियो क्लिप भी होगी। निदेशक के अनुसार आमजन, पर्यटकों और शोधार्थियों के लिए यह आकर्षण का केन्द्र रहेगी। इस दीर्घा में करीब ढाई सौ स्वतंत्रता सेनानियों के फोटो लगाए जाएंगे। इसकी तैयारी चल रही है।