दंतौर थाना क्षेत्र में 26 -27 दिसम्बर की मध्यरात्रि को बॉर्डर की तारबंदी के नजदीक दो लोगों के पैरों के निशान बीएसएफ के गश्ती दल ने देखे थे। अगले दिन इसकी दंतौर थाने में बीएसएफ की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
पुलिस ने मौका देखने के बाद उस दिन बॉर्डर एरिया में सक्रिय मोबाइल नम्बरों की डिटेल जुटाई। इसी के साथ बीएसएफ ने भी अपने स्तर पर पड़ताल की। इसमें सामने आया कि 27 दिसम्बर को दो जने अनुमति से बॉर्डर देखने आए हुए थे। वे स्कूटर से वापस सड़क से लौटते समय रास्ते में रुके और तारबंदी के नजदीक चले गए। उन्हीं के पैरों के निशान बीएसएफ के ड्यूटी पर आए गश्ती दल ने देखकर कम्पनी कमांडर को सूचना दी।
ड्यूटी अधिकारी बदलने से गफलत बीएसएफ सूत्रों के मुताबिक 27 दिसम्बर को संदिग्धों के पदचिह्न मिलने वाले क्षेत्र के प्रभारी अधिकारी शाम को बदल गए। उनकी जगह ड्यूटी पर आए नए अधिकारी को दिन में अनुमति से बॉर्डर देखने दो जनों के आने की जानकारी नहीं थी। एेसे में 26 -27 की मध्यरात्रि को पैरों के निशान तारबंदी के नजदीक मिलने पर संदिग्ध मानते हुए पड़ताल शुरू कर दी।
पुलिस को करना होगा निस्तारण
बीएसएफ की ओर से तारबंदी के नजदीक संदिग्ध के पैरों के निशान मिलने पर दंतौर पुलिस थाना में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया गया। अब जांच में मामला कोई आपराधिक नहीं होकर जानकारी के अभाव में भूल से तारबंदी के नजदीक दो जनों के जाने का निकला है। एेसे में पुलिस को मामले का निस्तारण करना होगा।