भारत व ब्रिटिश सैनिकों ने युद्धाभ्यास के लिए कम्बैट वैकिल, लम्बी मारक क्षमता की आर्टिलरी बंदूकें आदि को परखा। ब्रिटिश सैनिकों ने भारतीय थल सेना के लड़ाकू टैंकों की क्षमता को परखते हुए बारीकी से जांच की, वहीं भारतीय दल के जवानों ने भी यूके सेना के हथियारों को परखा। काल्पनिक नक्शा बनाकर दुश्मन के छुपे होने व उस पर हमला करने के रास्तों की जानकारी सैनिकों को दी।
भारतीय सेना की तरफ से राजपूताना राइफल्स की २०वीं बटालियन के 120 सैनिक व यूके की ओर से प्रथम बटालियन रॉयल एंग्लिकन रेजिमेण्ट के जवान भाग ले रहे है। भारतीय बटालियन को जहां काउण्टर टेरिरिज्म के क्षेत्र में ऑपरेशन पवन एवं जम्मू-कश्मीर में सैनिक गतिविधि का व्यापक अनुभव प्राप्त है।
वहीं दूसरी तरफ ब्रिटिश रेजिमेण्ट को अफगानिस्तान एवं इराक में अपना युद्ध कौशल दिखाने का अनुभव प्राप्त है। दोनों सेनाओं की इकाईयों ने इस युद्धाभ्यास के लिए व्यापक रूप से तैयारियां की है। जिससे वह एक-दूसरे को बेहतर समझ सकेंगे व फायदा उठा सकेंगे।
ग्रामीण उत्साहित
रेतीले धोरों के बीच हो रहे इस युद्धाभ्यास से आस-पास के गांवों में भी रोमांच बना है। इस युद्धाभ्यास में रेंज एरिया से सटे गांवों में बम धमाके दिनभर सुनाई पड़ते है। ग्रामीण रास्तों पर भी सेना के टैंकों व अन्य युद्धक वाहनों की आवाजाही बढऩे से रोमांच नजर आ रहा है।
रेतीले धोरों के बीच हो रहे इस युद्धाभ्यास से आस-पास के गांवों में भी रोमांच बना है। इस युद्धाभ्यास में रेंज एरिया से सटे गांवों में बम धमाके दिनभर सुनाई पड़ते है। ग्रामीण रास्तों पर भी सेना के टैंकों व अन्य युद्धक वाहनों की आवाजाही बढऩे से रोमांच नजर आ रहा है।
बाजार में भी बढ़ी ग्राहकी युद्धाभ्यास के कारण महाजन क्षेत्र में सेना की हलचल बढऩे से मंदी की मार झेल रहे बाजार में भी ग्राहकी बढ़ी है। महाजन रेंज चौराहे पर सब्जी, इलेक्ट्रॉनिक्स, परचून, अण्डा, मोबाइल, मांस आदि की दुकानों पर इन दिनोंं सेेना की ग्राहकी बढऩे से दुकानदार उत्साहित है।