नाइट विजन कैमरों से टारगेट
यूएस आर्मी के स्ट्राइकर टैंक में सवार सैनिक अंदर बैठे-बैठे इस वाहन को 75 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ा सकते है। इसमें नाइट विजन उच्च तकनीक के कैमरे लगे है। जिनकी मदद से टैंक के भीतर बैठे सैनिक टारगेट को निशाना बनाते है। वहीं भारतीय बीएमपी-२ सारथी टैंक में लैंस और दूरबीन के मदद से सैनिक टारगेट को निशाना बनाते है। सारथी लोहे की चैन पर चलता है। एेसे में गड्ढ़ों, रेतीले धोरों और खाईयों को तेज रफ्तार से पार कर जाता है।
यूएस सैनिक की नजरें युद्धाभ्यास में भारतीय और अमेरिकी सैनिकों ने एक-दूसरे के साजो सामान का प्रदर्शन भी किया। अमेरिकी सैनिक के दुश्मन से मुकाबला करने के लिए सिर पर पहने हेलमेट कैप में कैमरा लगा हुआ है। सैनिक की जैकेट में आगे की तरफ लगे मोबाइल स्क्रीन पर दूर तक का नजारा दिखता है। उसकी जैकेट में वायरलैस सेट के साथ माइक्रोफोन भी है। यह कंट्रोल यूनिट से भी सैनिक का सम्पर्क बनाए रखते हैं। जहां से सैनिक को उसके आस-पास दुश्मन की गतिविधियों की जानकारी और मेप आदि मोबाइल स्क्रीन पर संकेत के साथ भेजे जाते हैं।
एम-17 पिस्टल ने खींचा ध्यान यूएस आर्मी के सैनिकों के पास सेमी ऑटोमेटिक एम-१७ पिस्टल रहता है। जिसे आर्मी ने २०१७ में अपनाया था। इस पिस्टल को महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में युद्धाभ्यास के लिए आई यूएस टुकड़ी उपयोग कर रही है। आठ इंच लम्बा यह पिस्टल बहुत ही हल्का है।
हेलीकॉप्टर जैसा ड्रोन महाजन में युद्धाभ्यास कर रही यूएस आर्मी की सैन्य टुकड़ी के एक और उपकरण ने सबको चौंका दिया। यह था हेलीकॉप्टर के आकार का छोटा सा ड्रोन। हाथ की हथैली पर रखे जा सकने वाले इस नैनो ड्रोन का उपयोग आतंकवादियों के छिपे ठिकानों का पता लगाने के लिए किया जाता है। इंडिया-यूएस युद्धाभ्यास के उद्घाटन कार्यक्रम में जहां भारतीय सेना के बड़े आकार के ड्रोन का उपयोग किया गया। वहीं यूएस आर्मी का यह ब्लैक नैनो स्पाई हेलीकॉप्टर उड़ता नजर आया।