अब रींंगस व जयपुर ट्रैक शुरू होने बाद बीकानेर से रतनगढ़, चूरू, सीकर, रींंगस होते हुए जयपुर तक ट्रेनों का संचालन संभव हो सकेगा। इस रूट पर गेज परिवर्तन का कार्य पूरा हो चुका है। रेलवे सूत्रों के अनुसार इस टै्रक के अवलोकन के बाद मुख्य संरक्षा आयुक्त ट्रेनें संचालित करने के लिए स्वीकृति दे सकते हैं।
लंबे समय से बंद था ट्रेनों का संचालन
पूर्व में मीटरगेज की ट्रेनें बीकानेर से जयपुर के लिए रात को चलती थी। यह ट्रेन बीकानेर से रतनगढ़, चूरू, सीकर, रींगस होते हुए जयपुर पहुंची थी। बीते एक अर्से से इस रूट पर ट्रेनों का संचालन बंद था। जयपुर के लिए वर्तमान में इंटर सिटी, श्रीगंगानगर-कोटा, सम्पर्क क्रांति आदि ट्रेनें चलती है, यह ट्रेनें चूरू-सीकर की बजाय फूलेरा होकर निकलती है।
समय की होगी बचत
वाया चूरू-सीकर होकर जयपुर के लिए ट्रेनें चलाई जाने से यात्रियों के समय की बचत होगी। इससे यात्रियों को करीब ३० से ४० किलोमीटर दूरी कम तय करनी पड़ेगी। मीटरगेज के समय दस साल पहले इस रूट पर ट्रेन चलती थी। बाद में रींगस तक तो गेज परिवर्तन हो गया, लेकिन रींगस से जयपुर तक का काम शेष था, जो अब पूरा हो गया है। एेसे में इस रूट से जयपुर के लिए ट्रेनें चलाने की उम्मीद की जा रही है।
अनिल व्यास,मंडल महामंत्री, एनडब्लूआरईयू, बीकानेर
वाया चूरू-सीकर होकर जयपुर के लिए ट्रेनें चलाई जाने से यात्रियों के समय की बचत होगी। इससे यात्रियों को करीब ३० से ४० किलोमीटर दूरी कम तय करनी पड़ेगी। मीटरगेज के समय दस साल पहले इस रूट पर ट्रेन चलती थी। बाद में रींगस तक तो गेज परिवर्तन हो गया, लेकिन रींगस से जयपुर तक का काम शेष था, जो अब पूरा हो गया है। एेसे में इस रूट से जयपुर के लिए ट्रेनें चलाने की उम्मीद की जा रही है।
अनिल व्यास,मंडल महामंत्री, एनडब्लूआरईयू, बीकानेर