यह पानी राजस्थान के लिए कभी भी शुरू किया जा सकता है। सरहिंद से यहां इंगांनप को दो हजार क्यूसेक पानी दिया जा रहा था। इंगांनप के अनुसार बीस अप्रेल से एक माह तक पूर्ण बंदी हो जाएगी। इसके बाद जलदाय विभाग अपने जलाशयों के माध्यम से पानी की सप्लाई करेगा। इसके लिए भी जल वितरण की योजना बना ली गई है।
एक महीना बचत के गौरतलब है कि राजस्थान के लिए पानी की क्या महत्ता है, यह यहां के निवासियों के अलावा कोई भी बेहतर नहीं बता सकता, क्योंकि पानी का लेवल यहां इतना नीचे है कि कई जगह तो पानी के लिए बोरिंग जैसी बात तो सोची भी नहीं जा सकती, ऐसे में नहरें यहां के लिए जीवनदायनी गंगा जैसा कार्य करती हैं, क्योंकि इससे न सिर्फ इंसान जीवित रह कर यापन के लिए कार्य में रत है, वरन जानवर भी इस पानी से अपना जीवन बचाते हैं।
बचत नहीं तो संकट ऐसे में एक महीने पानी की बंदी के दौरान लोगों को अपनी बचत के जल से काम चलाना पड़ता है, इसलिए कई इलाकों ने तो अपने स्तर पर ही कुछ व्यवस्था कर रखी है, जहां जल संरक्षित हो सके, पर जहां जल नहीं संरक्षित हो पाता. वहां के लिए निश्चित तौर पर दिक्कत पेश आती है।