अब तक वाहन मालिकों को यह पता नहीं चलता था कि रजिस्ट्रेशन का स्टेट्स क्या चल रहा है। परिवहन विभाग ने वाहन सॉफ्टवेयर को अपडेट करते हुए यह व्यवस्था शुरू कर दी है। विभाग को उम्मीद है कि नई व्यवस्था से नंबर को लेकर कोई भी किसी तरह की मनमानी नहीं कर पाएगा।
सूत्रों के अनुसार वर्तमान में दुपहिया व चौपहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन का अधिकार कुछ शोरूम संचालकों को दिया हुआ है। शेष रहे शोरूम संचालकों को रजिस्ट्रेशन का अधिकार इसी महीने दे दिया जाएगा। पसंद के नंबर के लिए आवेदक को डीडी लगाना पड़ता है।
अगर किसी अन्य व्यक्ति ने उस नंबर के लिए आवेदन कर रखा है तो तय समय देखकर बोली के जरिए नंबर अलॉट करने की व्यवस्था है। अब वाहन मालिक की ओर से फीस देने के बाद कोई भी बेवजह उसे चक्कर नहीं कटवाएगा।
टैक्स जमा करवाने के बाद वाहन के रजिस्ट्रेशन से लेकर नंबर अलॉट होने की जानकारी वाहन मालिक के पास मोबाइल पर मैसेज से चली जाएगी। अगर कोई भी व्यक्ति टैक्स अथवा फीस जमा नहीं करवा रहा है तो वाहन मालिक को पता चल जाएगा। एेसे में गड़बड़ी की संभावना नहीं रहेगी।
क्लिक करते ही पता चलेगा नम्बर अभी तक वाहनों के शोरूम को अलग सीरीज अलॉट की जाती थी। विभाग में दुपहिया व चौपहिया वाहनों के लिए कई सीरीज में नंबर चलते थे। शोरूम पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद वहां से डाटा लाकर विभाग में अपडेट करवाया जाता था। अब वाहन सॉफ्टवेयर को अपग्रेड किया गया है।
अलग से नंबर की सीरीज जारी नहीं होगी। जिले भर में विभाग व शोरूम से एक साथ रजिस्ट्रेशन नंबर अलॉट होंगे। कंप्यूटर में वाहन की टाइप व डिटेल भरने के बाद क्लिक करने पर ही मालूम चलेगा कि कौन सा नंबर वाहन के लिए अलॉट हुआ है।
– राजेश शर्मा, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, बीकानेर।