संभागीय आयुक्त ने कहा कि जिला से लेकर ग्राम पंचायत स्तर के कार्यालयों के प्रवेश द्वार पर पानी की मटकी अथवा कैम्पर और डंडीदार लोटा रखवाया जाए। प्रत्येक सार्वजनिक स्थान पर पेयजल की व्यवस्था के लिए भामाशाहों को प्रेरित किया जाए। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर गर्मी के मौसम के मद्देनजर शेड अथवा टेंट अस्थाई रूप से लगाने के लिए टेंट एसोसिएशन के साथ बैठक करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि बस स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन एवं अन्य स्थानों पर भी पेयजल और छाया की व्यवस्था हो। नगर निगम द्वारा आवश्यकता पड़ने पर सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों की पानी की समस्त खेलियों को भरवाया जाए। क्षतिग्रस्त खेलियों को प्राथमिकता से दुरूस्त करवाया जाए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। जिला मुख्यालय से लेकर निचले स्तर तक के कार्यालयों में लू और तापघात से बचाव के लिए डू एंड डोंट से जुड़े पोस्टर लगाए जाएं।
संभागीय आयुक्त ने कहा कि सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से आमजन को लू से बचाव के लिए जागरुक किया जाए। नगर निगम द्वारा आगामी दिनों तक स्वच्छता वाहनों के माध्यम से इससे बचाव के ऑडियो संदेश चलाए जाएं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को अगले कुछ दिनों तक और अधिक गंभीरता रखने के निर्देश दिए। साथ ही मौसमी बीमारियों की रोकथाम के मद्देनजर सभी आवश्यक संसाधन सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि कार्यालयों और सामान्य स्थानों पर रखे गए परिंडों को नियमित साफ सुथरा रखा जाए, जिससे इनमें मच्छर पैदा नहीं हों।
बैठक में जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोहन लाल, नगर निगम आयुक्त अशोक आसीजा, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ओपी बिश्नोई, सरदार पटेल मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ.गुंजन सोनी, पीबीएम के कार्यवाहक अधीक्षक डाॅ. डी के अग्रवाल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डाॅ. देवेन्द्र चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मोहित सिंह तंवर, जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता राजेश पुरोहित, विद्युत निगम के अधीक्षण अभियता के के कस्वां, महामारी विशेषज्ञ नीलम प्रताप सिंह, डाॅ. जितेन्द्र आचार्य सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।