इंटर्न डॉक्टरों को नहीं मिल रहा पर्याप्त स्टाइपेड
कोरोना संक्रमणकाल में पीडि़तों की जान बचाने के लिए इंटर्न चिकित्सक भी यौद्धा की तरह डटे हुए है, अपनी जान को जोखिम में डालकर रात-दिन काम रहे है।

बीकानेर। कोरोना संक्रमणकाल में पीडि़तों की जान बचाने के लिए इंटर्न चिकित्सक भी यौद्धा की तरह डटे हुए है, अपनी जान को जोखिम में डालकर रात-दिन काम रहे है।
इसके बावजूद इंटर्न चिकित्सकों को सरकार की ओर से केवल 233 रुपए प्रतिदिन स्टाइपेंड मिल रहा है जो कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में कम है। हाल ही में पंजाब सरकार ने इंटर्न चिकित्सक का स्टाइपेड 9 हजार रुपए से बढ़ाकर 15 हजार रुपए प्रतिमाह किया तथा केन्द्र सरकार के अधीनस्थ अस्पतालों में इंटर्न चिकिस्क को 23 हजार 500 रुपए प्रतिमाह मिलते है। राजस्थान के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज के छात्र इंटर्न के स्टाइपेड की मांग को लेकर स्टूडेंट ने ट्वीटर पर मुहिम छेड़ रखी है। इनके साथ डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, भागीरथ नैण, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पुनिया आदि नेता भी जुड़े है। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज बीकानेर के छात्रसंघ अध्यक्ष डॉ. श्यामसुंदर लोहिया ने बताया कि हमने सरकार को पत्र भी भेजा है लेकिन सरकार ने अभी तक इसका कोई जवाब नहीं दिया है। लोहिया ने बताया कि इस कोरोना महामारी के दौरान इंटर्न चिकित्सक दिनरात जान जोखिम में डालकर काम रहे है।
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