उन्होंने बताया कि पुलिस, नगर निगम, शिक्षा विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, सार्वजनिक निर्माण विभाग, उरमूल डेयरी, पशुपालन सहित विभिन्न विभाग पर्यटन विभाग से समन्वय स्थापित कर अपने कार्य को निष्ठा से करें। उत्सव के दौरान पर्यटक नगर व उत्सव की अच्छी छवि लेकर जाएं।
कुमारपाल गौतम ने बताया कि उत्सव का आगाज 12 जनवरी को दोपहर साढ़े ग्यारह बजे शोभायात्रा से होगा। शोभायात्रा में संजे संवरे ऊंट, ऊंट की उपयोगिता, विशिष्टता को दर्शाया जाएगा । वहीं कलाकार और बीकानेरी रोबीले पारम्परिक वेशभूषा में तथा सजे संवेरे ऊंट, घोड़े व बग्गी आदि शामिल होंगे। शोभायात्रा जूनागढ़ के आगे से रवाना होकर डाॅ.करणीसिंह स्टेडियम पहुंचेंगी। स्टेडियम में भी रेगिस्तान जहाज की विशेषताओं को को दर्शाया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्सव का आगाज दोपहर साढ़े बारह बजे से होगा। आर्मी का बैग पाइपर बैंड गीतों की स्वर लहरियां बिखेरेगा। उसके बाद ऊंट श्रृंगार, ऊंट बाल कतराई, ऊंट नृत्य, मिस मरवण और मिस्टर बीकाणा की प्रतियोगिताएं दोपहर एक बजे से शाम साढ़े चार बजे तक होगी। उत्सव के प्रथम दिन सुबह आठ बजे से दस बजे तक पर्यटकों के लिए रायसर के रेतीले टीलों पर निःशुल्क सफारी का आयोजन किया जाएगा व डाॅ.करणी सिंह स्टेडियम में शाम साढ़े छह बजे से साढ़े आठ बजे तक लोककला, लोक संस्कृति से ओत प्रोत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा, जिसमें राजस्थान एवं विभिन्न अंचलों के कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे।
जिला कलक्टर ने बताया कि उत्सव के दूसरे दिन 13 जनवरी को उत्सव के कार्यक्रमों की शुरूआत सुबह दस बजे हैरिटेज वाक से होगा।