एनआरसीसी द्वारा वर्चुअल रूप में आयोजित वेबिनार में मुख्य वक्ता फ्रांस के आइसोकार्ड एवं एफएओ सलाहकार डॉ. बर्नाड फाय ने वैश्विक स्तर पर ऊंटों की उपलब्ध आबादी, ऊंट के दूध एवं मांस उत्पादन तथा वर्तमान समय में वनस्पतियों में आई कमी आदि का उल्लेख किया। डॉ. फाय ने ऊंटों से प्राप्त उत्पादों का हवाला देते हुए इस बात पर जोर दिया कि उष्ट्र प्रजाति के विकास एवं संरक्षण के लिए विश्व में इसकी उत्पादकता को बढ़ाना चाहिए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. एके गहलोत ने इस बात पर प्रसन्नता भी व्यक्त करते हुए कहा कि सेना-पुलिस द्वारा निगरानी कार्यों, पर्यटन आदि क्षेत्रों के नए आयामों के रूप में ऊंटों का बढ़ता उपयोग आज भी इसकी प्रासंगिकता को सिद्ध करता है। सह अध्यक्ष के रूप में डॉ. एके त्यागी ने कहा कि ऊंटनी के दूध में विशेष वसा अम्ल पाए जाते हैं जिन्हें सामान्य आहार पद्धति पर रखते हुए जांचा जाना चाहिए ताकि दूध की गुणवत्ता में और अधिक सुधार लाया जा सके।