ऐसी ही है रायसिंहनगर निवासी कमलेश। जो कैंसर पीडि़त अपने पति का उपचार करवाने के लिए जूझ रही है। कमलेश खुद सांस और बच्चेदानी की बीमारी से पीडि़त है। सालों से कभी पथरी, कभी गुर्दा और अब जबड़े के कैंसर से जूझ रहे अपने पति राजकुमार का उपचार करवाने में जुटी हुई हैं। कैंसर अस्पताल के आगे रैन बसेरे में रह रहीं कमलेश बताती हैं कि अपने पति के उपचार के लिए वह कर्ज में डूब चुकी है।
वे अपना मकान और आभूषण गिरवी रख चुकी हैं। विपत्ति में अपने परिवारजनों का सहयोग नहीं मिलने की कसक कमलेश को साल रही है। कमलेश बताती हैं कि सालों से राजकुमार के बीमार रहने से आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है।
नहीं मिल रहा सहयोग
कमलेश सिलाई मशीन प्रशिक्षण देकर घर चला रही हैं। बेटा दिनेश मजदूरी करता है। राजकुमार के बीमार होने पर भी उन्हें परिवार का सहयोग नहीं मिल रहा है। कमलेश के अनुसार कैसी भी परिस्थिति आए, वे पति का उपचार करवाएंगी। कर्ज के बोझ तले दब चुकी हैं, लेकिन हिम्मत नहीं हारी है। अपनी बीमारी को भूल चुकी कमलेश को उम्मीद है कि उनका पति जल्द ठीक होगा और फिर हंसी-खुशी जीवन चलेगा।
कमलेश सिलाई मशीन प्रशिक्षण देकर घर चला रही हैं। बेटा दिनेश मजदूरी करता है। राजकुमार के बीमार होने पर भी उन्हें परिवार का सहयोग नहीं मिल रहा है। कमलेश के अनुसार कैसी भी परिस्थिति आए, वे पति का उपचार करवाएंगी। कर्ज के बोझ तले दब चुकी हैं, लेकिन हिम्मत नहीं हारी है। अपनी बीमारी को भूल चुकी कमलेश को उम्मीद है कि उनका पति जल्द ठीक होगा और फिर हंसी-खुशी जीवन चलेगा।
कार्य से कभी पीछे नहीं हटूंगी
वर्तमान में चाहे मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हो, मैं अपने पति का पूरा उपचार करवाकर घर जाऊंगी। कर्ज लेना पड़ा हो या आभूषण गिरवी रखने पड़े हों, पति से बढ़कर कुछ भी नहीं है। पति, परिवार की सेवा व कार्य से कभी पीछे नहीं हटूंगी।
कमलेश, रायसिंहनगर निवासी
वर्तमान में चाहे मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हो, मैं अपने पति का पूरा उपचार करवाकर घर जाऊंगी। कर्ज लेना पड़ा हो या आभूषण गिरवी रखने पड़े हों, पति से बढ़कर कुछ भी नहीं है। पति, परिवार की सेवा व कार्य से कभी पीछे नहीं हटूंगी।
कमलेश, रायसिंहनगर निवासी