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नशे की गिरफ्त में आ रहे युवा, सीमावर्ती क्षेत्र में धड़ल्ले से नशे की बिक्री , देखिये वीडियो

locationबीकानेरPublished: May 01, 2018 03:13:35 pm

Submitted by:

dinesh kumar swami

सीमावर्ती क्षेत्र में बढ़ रही नशे की प्रवत्ति को लेकर क्षेत्र के युवाओं ने उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन कर जिला कलक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा।

Intoxication

नशे की गिरफ्त

खाजूवाला. सीमावर्ती क्षेत्र में बढ़ रही नशे की प्रवत्ति को लेकर सोमवार को क्षेत्र के युवाओं ने उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन कर जिला कलक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि सीमावर्ती क्षेत्र में धड़ल्ले से नशे की बिक्री हो रही है। इस पर पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। मानसिंह ताखर व करण ज्याणी ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्र होने पर यहां पर बाहर के नागरिकों के आने पर प्रतिबंध होता है।
यहां पर बाहरी नागरिक आकर सरेआम नशे के पदार्थ युवाओं को बेचने का काम कर रहे हैं। खाजूवाला के सीमांत गांवों में दुकानों पर सरेआम नशीले पदार्थ की धड़ल्ले से बिक्री की जा रही है लेकिन प्रशासन व पुलिस आंख मूंद कर बैठी है। मौके पर मिटठू सिंह, धनपत धतरवाल, रिंकू सारण, सत्तार खान, गफूर खान, संजय कुमार, सुनील यादव, दिनेश भादू आदि ने प्रदर्शन किया।
साइकिल यात्रा से दे रहे नशा मुक्ति का संदेश
श्रीकोलायत. कर्नाटक का शिक्षक अब तक दो लाख किलोमीटर से भी अधिक साइकिल पर यात्रा कर २७ राज्यों व पचास हजार से अधिक गांवों में पहुंचकर नशा मुक्ति संदेश दे चुका है। कर्नाटक के शिक्षक अमनदीप सिंह चावला वर्ष २००८ से नशा मुक्ति के खिलाफ जन जागरण कर में लगे हैं। वे कर्नाटक तिरुपत स्थित संचालित गुरुनानक मिशन मंे शिक्षक कार्यरत थे।
नशे से उनके मामा की मृत्यु हो जाने के बाद देश भर में जन संदेश देने के लिए साइकिल सेयात्रा करने का संकल्प ले लिया। सोमवार को श्रीकोलायत पहुंचे चावला ने बताया कि यात्रा के दौरान खाना स्वयं बनाते हैं इसके लिए उनकी साइकिल पर ही रसोई का सामान लाद रखा है। चावला ने बताया कि वे स्कूलों में बच्चों को नशे से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हैं। गांवों में चौपाल लगाकर ग्रामीणों को नशे के खिलाफ जागृत करते हैं। छह भाषाओं के जानकार चावला को हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी, तेलगु, तमिल व कन्नड़ भाषा का ज्ञान है। वे नशा छोडऩे के आयुर्वेदिक नुस्खे व निर्माण विधि बताकर नशा छोडऩे की अपील करते हैं।

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